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महाराष्ट्र सियासी संकट: मुख्यमंत्री आवास 'वर्षा' बंगला छोड़ 'मातोश्री' में शिफ्ट हुए सीएम उद्धव ठाकरे, देखें वीडियो

महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मातोश्री में शिफ्ट हो रहे हैं। वो...
महाराष्ट्र सियासी संकट: मुख्यमंत्री आवास 'वर्षा' बंगला छोड़ 'मातोश्री' में शिफ्ट हुए सीएम उद्धव ठाकरे, देखें वीडियो

महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मातोश्री में शिफ्ट हो रहे हैं। वो मुख्यमंत्री आवास ‘वर्षा’ बंगला छोड़कर ‘मातोश्री’ में शिफ्ट हो रहे हैं। कई तीस्वीरें और वीडियो सामने आई हैं, जिनमें साफ देखा जा सकता है कि उनका सामान कमरे से निकालकर गाड़ी में ले जाया जा रहा है।

इस दौरान सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि महाराष्ट्र के सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे अपनी मां रश्मी ठाकरे और भाई तेजस ठाकरे और अपने पिता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मुंबई में वर्षा बंगला आवास छोड़कर मातोश्री जा रहे हैं।

यहां देखें वीडियो-

इस दौरान शिवसेना कार्यकर्ता मुंबई में अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास 'मातोश्री' के बाहर इकट्ठा हुए।

दरअसल, सीएम ठाकरे ने आज जनता को संबोधित करते हुए साफ-साफ कहा है कि वह सीएम पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं। विधायक वापस आएं, मेरा इस्तीफा ले जाएं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे शिवसेना प्रमुख बने रहने का लालच नहीं है। मेरे सामने बैठो, मैं इस्तीफा देता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम के पद आते और जाते रहते हैं लेकिन असली संपत्ति लोगों का स्नेह है। पिछले 2 वर्षों में, मैं भाग्यशाली रहा कि मुझे लोगों से बहुत स्नेह मिला।

उन्होने आगे कहा कि मैं विधायकों को अपना इस्तीफा देने को तैयार हूं, वे यहां आएं और मेरा इस्तीफा राजभवन ले जाएं।  मैं शिवसेना पार्टी प्रमुख का पद भी छोड़ने को तैयार हूं, दूसरों के नहीं बल्कि अपने कार्यकर्ताओं के कहने पर।

सोनिया गांधी और शरद पवार की तारीफ करते हुए उन्होने कहा कि 2019 में जब तीनों दल एक साथ आए तो शरद पवार ने मुझसे कहा कि मुझे सीएम पद की जिम्मेदारी लेनी है। मुझे पहले कुछ भी अनुभव भी नहीं था। लेकिन मैंने जिम्मेदारी ली।  शरद पवार और सोनिया गांधी ने मेरी बहुत मदद की, उन्होंने मुझ पर अपना विश्वास बनाए रखा।

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के यह भी कहा कि  लोग कहते हैं कि यह बाला साहब की शिवसेना नहीं है। उन्हें बताना चाहिए कि बाला साहब के विचार क्या थे। ये वही शिवसेना है। शिवसेना हिंदुत्व को कभी नहीं छोड़ेगी। यह हमारी विचारधारा और पहचान है।

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