सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने रविवार को विपक्षी दलों के नेताओं पर महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मिली हार को स्वीकार करने के बजाय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन ने 20 नवंबर को हुए चुनाव में विधानसभा की 288 में से 230 सीट पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस, शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) और राकांपा-शरदचंद्र पवार के विपक्षी महा विकास आघाडी को सिर्फ 46 सीट हासिल हुई।
विपक्षी गठबंधन तब से ईवीएम में अनियमितताओं का दावा कर रहा है और मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग कर रहा है।
शिवसेना नेता उदय सामंत ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए विपक्ष पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “एमवीए के दोहरे मापदंड के कारण ही समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन से अलग हुई है। कल उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया और आज उम्मीद है कि वे सदस्य के रूप में शपथ लेंगे, जिससे फिर से उनके दोहरे मापदंड उजागर होंगे।” उन्होंने दावा किया कि विपक्ष हार स्वीकार करने के बजाय लोगों को गुमराह करने के लिए फर्जी कहानी गढ़ रहा है।
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि राकांपा-शरदचंद्र पवार प्रमुख शरद पवार लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
बावनकुले ने शरद पवार के बयान पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “हम उनका (पवार) सम्मान करते हैं लेकिन वह झूठ फैला रहे हैं। वह लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। विपक्ष अपनी विफलता छिपा रहा है।”
पवार ने एक बयान में विपक्ष को अधिक मत और कम सीट मिलने पर आश्चर्य व्यक्त किया था।
इस बीच, राकांपा-शरदचंद्र पवार के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने सोलापुर के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के मरकडवाड़ी गांव में कर्फ्यू और गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
मरकडवाड़ी गांव में ग्रामीणों ने मतपत्रों का उपयोग कर दोबारा चुनाव कराने की मांग की थी।