महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंध की सरकार में मतभेदों को लेकर राज्य के राजनीतिक गलियारों में अटकलों के बीच राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की।
सूत्रों ने कहा कि पवार दक्षिण मुंबई के पॉश मालाबार हिल इलाके में मुख्यमंत्री के आधिकारिक बंगले वर्षा में गए और ठाकरे के साथ लंबी चर्चा की। यह बैठक 5 जुलाई से यहां होने वाले राज्य विधानमंडल के दो दिवसीय मानसून सत्र से पहले हो रही है। शिवसेना ने मंगलवार को पार्टी विधायकों को पूरे दो दिवसीय कार्यवाही में भाग लेने के लिए एक व्हिप जारी किया।
मराठा कोटा और ओबीसी आरक्षण जैसे मुद्दों से निपटने के लिए एमवीए भागीदारों के बीच अलग-अलग राय है। इससे पहले शरद पवार और अमित शाह के बीच अहमदाबाद में बैठक हुई थी तो यह कहा जाने लगा था कि एनसीपी और भाजपा एक दूसरे के करीब आ रही है। इसी तरह जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई, उस समय भी यह बात कही जा रही थी कि शिवसेना और भाजपा की दूरियां शायद मिटने लगी हैं। अभी हाल ही में संजय राउत ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच मजबूत रिश्ता है।
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने हाल ही में कहा था कि शिवसेना के साथ गठबंधन की "एक्सपायरी डेट" है और अगले चुनावों में, उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी।
पवार ने हाल ही में विश्वास व्यक्त किया कि 2019 में सत्ता में आई महाराष्ट्र में एमवीए सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और सहयोगी शिवसेना की प्रशंसा करते हुए कहा था कि यह वह पार्टी है जिस पर कोई भरोसा कर सकता है। पवार ने यह भी कहा था कि एमवीए अगले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगी, जिससे संकेत मिलता है कि तीनों दल 2024 का चुनाव एक साथ लड़ सकते हैं।
पिछले दिनों पवार से जब इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे कांग्रेस का अधिकार बताया था। पवार ने कहा, हर राजनीतिक पार्टी को विस्तार का अधिकार है। पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए भी हम इस तरह की बातें कहते हैं। इसी तरह यदि कांग्रेस भी ऐसा कहती है तो हम इसका स्वागत करते हैं, क्योंकि यह उनका अधिकार है।
बता दें कि हाल के दिनों में सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं के बयान के बाद कई राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि शायद राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि पर्दे के पीछे कुछ ना कुछ तो चल रहा है।