तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद सयानी घोष ने कहा कि यादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) परिसर में वामपंथी छात्रों द्वारा शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु पर हमला किए जाने के बावजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने धैर्य का परिचय दिया।
यादवपुर निर्वाचन क्षेत्र की सांसद घोष ने कहा कि अगर परिसर में स्थिति ऐसी ही बनी रही तो विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को बेहद नुकसान होगा जिसकी भरपाई करना संभव नहीं होगा।
तृणमूल के एक कार्यक्रम से इतर शनिवार को घोष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वामपंथी छात्रों के उकसावे के बावजूद ममता बनर्जी ने धैर्य और संयम का परिचय दिया है जो परिसर में हालात को बिगाड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री के इस रुख की वजह से ही मंत्री पर हमले के बावजूद पुलिस परिसर में प्रवेश नहीं कर रही है। जेयू हमेशा अपने उदार मूल्यों और उच्च शैक्षणिक मानकों के लिए जाना जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और नक्सलियों द्वारा ऐसी गुंडागर्दी जारी रही तो वह दिन दूर नहीं जब विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को इस हद तक नुकसान पहुंचेगा कि जिसकी भरपाई करना संभव नहीं होगा। हम ऐसा नहीं चाहते।’’
यादवपुर विश्वविद्यालय में एक मार्च को हुए हंगामे के दौरान बसु के काफिले की एक कार की टक्कर लगने से दो छात्र घायल हो गए थे। वामपंथी संगठन से जुड़े विद्यार्थियों ने छात्र संघ चुनाव कराने पर चर्चा की मांग करते हुए मंत्री को परिसर से बाहर जाने से रोकने की कोशिश की थी। प्रदर्शनकारियों ने बसु की कार के शीशे को क्षतिग्रस्त कर दिया था जिससे उन्हें चोटें आईं।
हालांकि, बसु ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा उनकी कार की विंडशील्ड में तोड़फोड़ किए जाने के कारण वह घायल हो गए।
सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि पार्टी में ‘‘उच्च पद’’ पाने के वास्ते तृणमूल नेता भड़काऊ बयान के लिए एक-दूसरे से होड़ करते रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये बयान तृणमूल की लोकतंत्र विरोधी और निरंकुश प्रकृति को दर्शाते हैं, लेकिन राज्य का छात्र संगठन, उकसाने वाले ऐसे लोगों से नहीं डरेगा।’’