राज्य की राजधानी कोलकाता में नेाटबंदी के खिलाफ निकाले गए विरोध मार्च के दौरान ममता ने कहा, ”आज, मैं यह शपथ लेती हूं कि मैं मरूं या जीऊं लेकिन पीएम मोदी को भारतीय राजनीति से हटा दूंगी।” बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद हर तरफ असर पड़ा है। भाजपा को ही यह असर नहीं दिख रहा है बाकी सबको यह दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि आदमी को परेशानी हो रही है। रोजमर्रा की वस्तुएं वह खरीद नहीं पा रहे हैं। यहां तक सिनेमा और थिएटरों पर भी असर पड़ा है। ममता ने कहा कि पीएम मोदी को आम लोगों की तनिक भी परवाह नहीं। तभी तो उन्होंने इस तरह का फैसला अचानक ले लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अचानक से किसी देवदूत की तरह यह फैसला लेकर आए। उन्होंने किसी से नहीं पूछा कि 500 और 1000 रुपये की जरुरत है या नहीं और नोटबंदी का एलान कर दिया। त्रस्त जनता उनको सबक सिखाएगी।
उन्हाेंने चेतावनी दी कि नोटबंदी के खिलाफ वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगी और कहा कि अगर उच्च मूल्य वाले नोटों का विमुद्रीकरण वापस नहीं लिया जाता है तो वह उन्हें सत्ता से हटा देंगी।उन्होंने एक रैली में कहा, पूरा देश पीडि़त है। बैंक, एटीएम में पैसे नहीं हैं। नोटबंदी से हुई दिक्कतों के कारण अभी तक 80 लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन नरेन्द्र मोदी गहरी निद्रा में सो रहे हैं और देश को नकदी रहित अर्थव्यवस्था की तरफ ले जाने पर व्याख्यान दे रहे हैं।
काॅलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक विरोध मार्च के बाद बनर्जी ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर लोगाें के पास बैंक खाते नहीं हैं। वे इस स्थिति से कैसे निपटेंगे? मोदी के खिलाफ अपना विरोध जारी रखते हुए बनर्जी ने कहा कि जन विरोधी निर्णय के खिलाफ वह अंत तक लड़ेंगी जिसने देश में अघोषित आर्थिक आपातकाल लगा दिया है। बनर्जी ने कहा, मैं तब तक नहीं रूकूंगी जब तक कि इस निर्णय को वापस नहीं ले लिया जाता है। मैंने इस स्थिति से निपटने के लिए समाधान भी बताए हैं। लेकिन उन्होंने :केंद्र: स्वीकार नहीं किया।
उन्होंने कहा, जो भी उनका विरोध करता है, उनकी आवाज दबाने के लिए वे सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग को भेज देते हैं। लेकिन वह मेरी आवाज नहीं दबा सकते। मैं फिर दिल्ली जाउंगी और अपनी आवाज उठाउंगी, विरोध मार्च निकालूंगी और जरूरत पड़ने पर मोदी के घर के बाहर प्रदर्शन करूंगी। मैं तब तक नहीं रूकूंगी जब तक वह सत्ता से नहीं हट जाते।