पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के तीन विशेष पर्यवेक्षक मतदान के दौरान टीएमसी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के आदेश पुलिस अधिकारियों को दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस तरह की “साजिशों” के खिलाफ चुनाव के बाद वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगी।
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वह चुप नहीं बैठ सकतीं बेशक उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया, “बहुत हुआ. अगर पर्यवेक्षक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए काम कर रहे हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वे तो केवल भाजपा की मदद के लिये काम कर रहे हैं. और टीएमसी को खत्म करना चाहते हैं।
जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ विशेष पर्यवेक्षकों की कथित चैट का विवरण दिखाते हुए उन्होंने कहा, “ये अधिकारी हमारे लोगों को चुनाव से पहले की रात को हिरासत में लेने और उन्हें चुनाव के दिन शाम चार बजे तक कब्जे में रखने के आदेश दे रहे हैं। व्हाट्सऐप पर हुई इस बातचीत का ब्यौरा भाजपा के लोगों ने मुझे दिया है।”
ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और चुनाव के बाद ऐसी “साजिश और पक्षपातपूर्ण रुख” के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाएगी। उन्होंने दावा किया, “हालांकि, ये तीन सेवानिवृत्त लोग चुनावों को प्रभावित नहीं कर पाएंगे। उनके पक्षपातपूर्ण आचरण से भाजपा को सिर्फ सात-आठ सीटें जीतने में मदद मिलेगी. मै निजी रूप से मानती हूं कि भाजपा 70 सीटों से ज्यादा नहीं जीत पाएगी।” उन्होंने राज्य में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को लेकर भी चुनाव आयोग को आड़े हाथों लिया और कहा कि इसकी वजह चुनाव संबंधी कार्यों के लिये लाखों लोगों की एक जिले से दूसरे जिले आवाजाही है।