नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में इस बात की घोषणा करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव और पंजाब मामलों के प्रभारी शकील अहमद ने कहा हम लोग इस बात से खुश हैं कि मनप्रीत सिंह बादल की अगुवाई वाली पीपीपी का आज कांग्रेस में विलय हो गया। इस दौरान पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह, मनप्रीत सिंह बादल के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबिका सोनी और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा भी मौजूद थे।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि हम लोग सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। महज 0.8 प्रतिशत वोट के अंतर से कांग्रेस वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव हार गई थी जबकि मनप्रीम सिंह बादल की पार्टी को पांच फीसदी मत मिले थे। अमरिंदर ने कहा अगर हम लोग एकसाथ होते तो पंजाब को बचाया जा सकता था।
पंजाब में राजनीतिक उठापटक तेज है। ऐसे में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भतीजे और अकाली-भाजपा सरकार में वित्त मंत्री रहे मनप्रीत सिंह बादल के बारे में नित नई अटकलें जारी थीं। दो प्रकार की चर्चाएं थीं कि मनप्रीत आम आदमी पार्टी में जा रहे हैं या कांग्रेस में। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दोनों से उनकी मुलाकातें हुईं लेकिन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए मनप्रीत आज कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
मनप्रीत बादल ने सन 2014 के आम चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर अपनी भाभी, अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ बठिंडा से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी। पहले वह सत्तारूढ शिरोमणि अकाली दल सरकार का हिस्सा थे और पार्टी से निकलने से पहले उनके पास वित्त विभाग था। उन्होंने उनके चाचा प्रकाश सिंह बादल और चचेरे भाई सुखबीर सिंह बादल से मतभेद के कारण पार्टी छोड़कर पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब का गठन किया था।
- एजेंसी इनपुट