नागरिकता कानून को लेकर देशभर में जारी भारी विरोध के बीच बसपा सुप्रीमो मायावाती ने शनिवार को केंद्र से सरकार से अड़ियल रवैया छोड़कर इसे वापस लेने को कहा है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से भी शांतिपूर्वक विरोध प्रकट करने की अपील की है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा, 'अब तो सीएए और एनआरसी के विरोध में एनडीए में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं। ऐसे में बसपा की मांग है कि अब केंद्र अड़ियल रवैया छोड़कर इन फैसलों को वापस ले।'
शांतिपूर्ण विरोध करने की अपील
बसपा प्रमुख ने प्रदर्शनकारियों से भी अपील है कि वे अपना विरोध शान्तिपूर्ण ढंग से ही करें। शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी "बर्बरता में विश्वास नहीं करती है।" उन्होंने अपने सदस्यों से अनुरोध किया कि वे अपने विरोध को पोस्ट और मेल के माध्यम से और ज्ञापन सौंपकर" व्यक्त करें। मायावती ने इससे पहले भी एक ट्वीट में लिखा था, 'जनहित में नागरिकता कानून केंद्र वापस ले। अर्थव्यवस्था की बदहाली, बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी, रुपये की गिरती कीमत आदि की राष्ट्रीय समस्याओं को दूर करने पर ध्यान केन्द्रित करे।'
'संविधान विरोधी है कानून'
बसपा का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से मिला था और उसने इस मुद्दे को उठाया था। पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में रविवार को हुई हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की थी। साथ ही नागरिकता कानून को वापस लेने की भी मांग की थी। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि कानून संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के खिलाफ है।