उन्होंने कहा कि सपा परिवारवाद का समर्थन करने वाली और एक विशेष समुदाय एवं विशेष क्षेत्र की ही पार्टी है। साथ ही यह गुंडों, माफियाओं, अराजक तत्वों, भ्रष्टाचारियों और सांप्रदायिक तत्वों की खास पार्टी मानी जाती है। पूरे प्रदेश में ऐसे लोगों का जंगलराज चल रहा है। लेकिन यहां खास ध्यान देने की बात यह है कि अब इस सरकार के ऐसे दागी चेहरे, अखिलेश के नाम पर इस पार्टी और उनके साथ गठबंधन करने जा रही कांग्रेस के लोग भी प्रदेश की जनता से चुनाव में वोट मांग रहे हैं ....ऐसे दागी चेहरे के नाम पर।
मायावती ने कहा कि सपा के शासनकाल में मुजफ्फरनगर, दादरी, बुलंदशहर गैंगरेप और मथुरा जैसे भीषण कांड हुए। बहन बेटियों की अस्मत लूटी गई। इसके स्थान पर जनता बसपा के ऐसे बेदाग चेहरे को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना चाहती है, जिसके सत्ता में आते ही सपा के सभी गुंडे, माफिया, सांप्रदायिक तत्व चूहों के बिलों में छिप जाते हैं या उत्तर प्रदेश छोड़कर बाहर के प्रदेशों में भाग जाते हैं। अत: इन सब बातों को ध्यान में रखकर प्रदेश की जनता को अपने हित में सही और उचित फैसला लेना होगा।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बसपा की सरकार बनने का भरोसा व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा कि नोटबंदी का फैसला केन्द्र की भाजपा सरकार की सोची समझी साजिश है और राजनीतिक स्वार्थ में लिए गए इस फैसले से देश का आम आदमी अभी तक उबर नहीं पाया है। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में लिये गये इस फैसले से देश की जनता विशेषकर मध्यम वर्ग अभी उबर नहीं पा रहा है। पचास दिन से ज्यादा बीत गे लेकिन अभी तक देश में हालात पहले की तरह सामान्य नहीं हुए। नोटबंदी से देश में डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
मायावती ने कहा, देश भर में ये भी आम चर्चा है कि नोटबंदी का ये फैसला लेने से पहले दस महीने में भाजपा व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी पार्टी और राष्ट्रीय नेताओं और चंद पूंजीपतियों एवं धन्नासेठों के काले धन को पूरे तौर से ठिकाने लगवा दिया था। उन्होंने कहा कि इस बात में काफी कुछ सच्चाई इसलिए भी नजर आ रही है क्योंकि गत वर्ष हमारी पार्टी व परिवार के कुछ सदस्यों द्वारा एक रूटीन में नियमों के तहत बैंक खाते में जमा धन को भी भाजपा व केन्द्र की सरकार ने सोची समझी राजनीतिक साजिश के तहत उसे मीडिया में ऐसे उजागर कराया जैसे कि ये हमारा धन काला धन है। (एजेंसी)