मायावती ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अपना एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया है। यह बात खुद भाजपा भी समझ रही है और इसी का नतीजा है पार्टी की बेंगलुरु में हुई कार्यकारिणी की बैठक में उसे गरीबों किसानों के मुद्दे पर विचार के लिए मजबूर होना पड़ा है। मायावती ने यह भी कहा कि बहुजन समाज पार्टी किसी भी हालत में केंद्र के नए भूमि अधिग्रहण बिल का समर्थन नहीं करेगी क्योंकि यह पूरी तरह किसान विरोधी बिल है। बसपा सुप्रीमों ने लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यूपी की अखिलेश सरकार भी निकम्मी साबित हुई है और मुख्यमंत्री के पास कोई काम ही नहीं है, वह सिर्फ हवाई दावे कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश सिर्फ उन्हीं परियोजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं जिनकी शुरुआत बसपा शासन के दौरान उनके मुख्यमंत्री काल में हुई थी। यूपी सरकार किसानों के लिए भी कुछ नहीं कर रही है। मायावती ने अटल बिहारी वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देने के केंद्र सरकार के फैसले की सराहना की मगर यह सवाल भी उठाया कि आखिर बसपा के संस्थापक और दलितों सर्वमान्य नेता रहे कांसीराम को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि दलितों के प्रति मोदी सरकार का रवैया निराशाजनक है।