मंगलवार को मुलायम ने कहा कि सपा लोकतांत्रिक पार्टी है और यहां विधायक ही फैसला करेंगे कि कौन मुख्यमंत्री होगा। अभी से कुछ कहना ठीक नहीं है। उन्होने अखिलेश सरकार से हटाए गए मंत्री को वापस लेने के सवाल पर कहा कि यह मुख्यमंत्री का अधिकार है कि किसे वह मंत्री बनाए और किसे हटाएं। मुलायम ने कहा कि मैं अपनी पार्टी की नीतियों के प्रति समर्पित हूं। हमारा परिवार और पार्टी एक है। जिस तरह की अफवाहें फैलायी जा रही हैं वह गलत है।
अमर सिंह पर पूछे गए सवाल पर मुलायम ने कहा कि अमर सिंह को बीच में क्यों लाया जा रहा है। अखिलेश यादव के नाम पर किसी को आपत्ति नहीं है। रामगोपाल यादव के बारे में सपा प्रमुख का कहना था कि उनकी बात की कोई अहमियत नहीं है। मुलायम पत्रकार वार्ता में कई सवालों से बचते रहे और कहा कि जिस तरह की अफवाहें फैलायी जा रही हैं वह गलत है। इस बीच अखिलेश के समर्थक पार्टी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करते रहे।
गौरतलब है कि सोमवार को मुलायम सिंह यादव ने पार्टी में चल रहे अंदरूनी घमासान को खत्म करने के लिए बैठक बुलाई थी लेकिन बैठक के दौरान ही हंगामा हो गया और मुलायम उठ कर चले गए। इस बीच मंच पर अखिलेश और शिवपाल के बीच तनाव की स्थिति भी पैदा हो गई। उसके बाद अखिलेश और शिवपाल के समर्थक नारेबाजी करने लगे और स्थिति बिगड़ गई। बाद में मुलायम, शिवपाल और अखिलेश की बैठक के बाद मामला कुछ शांत हुआ।