तमिलनाडु के राजनीतिक दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के प्रमुख एमके स्टालिन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर तंज कसते हुये उन्हें ’अनिवासी प्रधानमंत्री’ बताया है। उन्होंने कहा कि वह समाजवाद, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को पसंद नहीं करते।
अगस्त में डीएमके की बागडोर संभालने के बाद से ही स्टालिन केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला बोलते रहे है। एक समारोह में स्टलिन ने कहा कि मोदी समाजवाद, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को पसंद नहीं करते। उनकी पसंद अडानी और अंबानी हैं। हमने अनिवासी भारतीयों के बारे में तो सुना है लेकिन मोदी अनिवासी प्रधानमंत्री हैं।
डीएमके नेता ने कहा उन्हें मोदी की ‘84 विदेश यात्राओं’ को लेकर चिंता नहीं हैं बशर्ते ये राष्ट्र के लिए सम्मान का कारण बनतीं। इन यात्राओं से केवल करोड़ों रूपये की बर्बादी ही हुई है।
उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) पर आरोप लगाया कि वह केंद्र के प्रति सिर झुकाए रखने की प्रवृत्ति को अपनाए हुये हैं चाहे वह राज्य में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट का मामला हो या फिर हिंदी थोपने का। हालांकि उन्होंने ये साफ नहीं किया कि तमिलनाडु में किस तरह से हिंदी थोपी जा रही है।
'एक साथ चुनाव हुए तो नहीं होगा आश्चर्य'
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात पर कोई अचरज नहीं होगा अगर राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवा दिये जायें।
लोकसभा चुनाव के लिए तमिलनाडु में सियासत गरमा गई है। । विपक्ष के महागठबंधन की नींव रखने के लिए मंगलवार को सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने स्टालिन से मुलाकात की थी। येचुरी ने स्टालिन तो 22 नवंबर को दिल्ली में होने वाली विपक्षी नेताओं की बैठक में आने का निमंत्रण दिया। इस बैठक में आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार की मौजूदगी में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन के लिए रजामंदी की पुरजोर कोशिश होगी।