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संघ के पास है मोदी सरकार का 'रिमोट कंट्रोल': मायावती

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मोदी सरकार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आगे ‘‘दण्डवत’’ होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जनता के प्रति गैर-जवाबदेह और ‘‘साम्प्रदायिक और फासीवादी’’ सोच रखने वाले संगठन के सामने साष्टांग से साबित हो गया है कि हर मोर्चे पर नाकाम केंद्र सरकार का ‘रिमोट कंट्रोल’ संघ मुख्यालय में है।
संघ के पास है मोदी सरकार का 'रिमोट कंट्रोल': मायावती

मायावती ने दिल्ली में शुक्रवार को संपन्‍न हुई संघ की तीन दिवसीय ‘समन्वय बैठक’ और उसमें मोदी सरकार द्वारा अपना ‘रिपोर्ट कार्ड’ पेश करने की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि एक चुनी हुई सरकार को सिर्फ संविधान, उसकी मर्यादा और जनभावना के आगे सिर झुकाना चाहिए, न कि संघ जैसे ‘‘द्वेष, घृणा, साम्प्रदायिक और फासीवादी सोच’’ रखने वाले संगठन के सामने। उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार करार देती रही है लेकिन ताजा घटनाक्रम से साबित हुआ है कि मोदी सरकार का रिमोट कंट्रोल संघ मुख्यालय नागपुर में है और उसकी नकेल संघ नेताओं के हाथ में है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री और सरकार के मंत्री देश की जनता और संसद के प्रति जवाबदेही न निभाकर संघ जैसी संस्था के प्रति पूरी तरह ‘दण्डवत’ हो रहे हैं। एक तरह से यह लोकतंत्र के लिये खतरे की घंटी है। उन्होंने कहा कि हर मोर्चे पर नाकाम सरकार को शाबाशी दिये जाने से यह भी स्पष्ट हुआ है कि मोदी सरकार के साथ-साथ संघ को भी गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी जैसी ज्वलंत समस्याओं और दलितों, पिछड़ों और शोषितों की कोई परवाह नहीं है।

मायावती ने कहा कि भाजपा और संघ की सोच कितनी क्रूर और फासीवादी है, इसकी ताजा मिसाल महाराष्ट्र की भाजपा सरकार का वह घोर तानाशाही फरमान है जिसमें उसने अपने मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के खिलाफ बोलने या लिखने पर कथित तौर पर ‘देशद्रोह’ का मुकदमा चलाने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही प्रयास केंद्र और अन्य भाजपा शासित राज्यों के स्तर पर भी हो रहे हैं, जबकि संघ और उसके सहयोगी संगठनों को कथित रूप से नफरत फैलाने वाले जहरीले बयान देने और हिंसा फैलाने की खुली छूट दी गयी है।

मायावती ने ‘एक रैंक, एक पेंशन’ के मुद्दे पर केंद्र सरकार द्वारा लिये गये फैसले को ‘आधे-अधूरे मन से’ लिया गया फैसला करार देते हुए कहा कि कई प्रमुख मांगों को न माने जाने से पूर्व सैनिकों में नाराजगी और असंतोष स्वाभाविक है। सरकार को एक रैंक, एक पेंशन देने में कंजूसी नहीं करनी चाहिये। मायावती ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन पर कल बिहार के बोधगया में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘संघ प्रचारक’ के तौर पर जो बातें कहीं, उनसे देश और समाज का भला नहीं होने वाला। बड़ी-बड़ी बातें करने वाले मोदी के मंत्री उसका ठीक उलटा करते हैं और प्रधानमंत्री खामोश रहते हैं। ऐसे में मोदी के कोरे प्रवचनों और उपदेशों से कुछ हासिल न होगा। 

 

 

 

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