मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस से बगावत करके रतलाम जिले के आलोट क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरने वाले पूर्व लोकसभा सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफे की घोषणा कर दी। नतीजतन कुल 2.23 लाख मतदाताओं वाली इस सीट पर त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला तय हो गया है।
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित आलोट क्षेत्र से कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक मनोज चावला को टिकट दिया है, जबकि भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चिंतामणि मालवीय मैदान में हैं। मालवीय उज्जैन-आलोट लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं।
विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के नाम वापस लेने का बृहस्पतिवार को आखिरी दिन था, लेकिन आलोट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भर चुके गुड्डू (63) ने कदम पीछे खींचने से इनकार कर दिया। उन्होंने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘‘मुझे कांग्रेस छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।’’
गुड्डू ने उन्हें आलोट से कांग्रेस का टिकट नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पर सीधा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों नेताओं का ध्यान केवल अपने बेटों और चाटुकारों को आगे बढ़ाने पर है और उन्होंने इस धुन में टिकटों का आपसी बंटवारा करते हुए सूबे में पार्टी की बलि दे दी है।
गुड्डू, आलोट के विधायक और उज्जैन-आलोट लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी रह चुके हैं।
वह प्रदेश के 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों से चंद रोज पहले अपने पुत्र अजीत बौरासी के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा के पाले में चले गये थे। हालांकि, मार्च 2020 में कमलनाथ सरकार के पतन के बाद उन्होंने नवंबर 2020 में इंदौर जिले के सांवेर से उपचुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में वापसी कर ली थी।
गुड्डू को इस उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार तुलसीराम सिलावट के हाथों 53,264 वोट से हार का सामना करना पड़ा था।