सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में रामगोपाल पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि राष्टीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर रामगोपाल को सपा से छह साल के लिये निकाल दिया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि रामगोपाल पूरी तरह भाजपा से मिले हैं। वह तीन बार भाजपा के एक बड़े नेता से मिल चुके हैं। वह यह सब इसलिये कर रहे हैं क्योंकि उनके सांसद पुत्र अक्षय यादव और पुत्रवधु नोएडा के पूर्व मुख्य अभियन्ता यादव सिंह द्वारा किये गये अरबों रुपये के घोटाले के प्रकरण में फंस रहे हैं।
शिवपाल ने आरोप लगाया कि रामगोपाल सपा को तोड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन सभी साजिशों को समझ नहीं पा रहे हैं। रामगोपाल ने अपनी बर्खास्तगी के बाद मुम्बई से जारी एक पत्र में कहा नेताजी :मुलायम: इस वक्त जरूर कुछ आसुरी शक्तियों से घिरे हुए हैं। जब वह उन ताकतों से मुक्त होंगे तो उन्हें सचाई का एहसास होगा। मैं समाजवादी पार्टी में रहूं या ना रहूं लेकिन इस धर्मयुद्ध में अखिलेश यादव के साथ हूं।
सपा मुखिया को बड़ा भाई और राजनीतिक गुरु बताते हुए ताउम्र उनका सम्मान करने का संकल्प जताते हुए रामगोपाल ने कहा मुझे पार्टी से निकाले जाने का कोई दुख नहीं है। मेरे उपर जो घटिया आरोप लगाये गये हैं, मुझे उनसे पीड़ा जरूर हुई है।
इसके पूर्व, रामगोपाल ने जारी एक खुले पत्र में पार्टीजन से अखिलेश के नेतृत्व में समाजवादी सरकार बनवाने का आवाहन करते हुए कहा था कि विरोधी गुट चाहता है कि अखिलेश की हर हाल में पराजय हो। उन्होंने विरोधी गुट के लोगों को व्याभिचारियों और सत्ता का दुरुपयोग करने वालों का खेमा बताते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री की आगामी तीन नवम्बर को शुरू होने वाली रथयात्रा विरोधियों के गले की फांस है और इस फांस को और नुकीला किया जाएगा।
चाचा-भतीजे के बीच वर्चस्व की जंग में खुलकर अखिलेश का साथ देने वाले सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे रामगोपाल सपा के थिंक टैंक माने जाते रहे हैं। वह सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई हैं। वह राज्यसभा में सपा के नेता भी थे।
शिवपाल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा रामगोपाल भाजपा के इशारे पर साजिशें कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को यह समझाना चाहिये कि कौन उनका सगा है। प्रोफेसर हमेशा तिकड़म करते रहे हैं और सपा के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को अपमानित करते रहे हैं।
उन्होंने कहा मैंने हमेशा उनकी तानाशाही और नाकारापन वाले कार्यों को पार्टी में उठाया तो वह मेरे विरुद्ध षड्यंत्र करने लगे। अब तो वह नेताजी और अखिलेश सरकार को कमजोर करने पर आमादा हैं। वह भ्रष्टाचारियों से मिले हुए हैं।
शिवपाल ने कहा कि पिछली बसपा सरकार में तानाशाही के खिलाफ प्रदर्शन में पार्टी के अनेक लोग घायल हुए लेकिन रामगोपाल किसी से मिलने तक नहीं गये। अब तो पराकाष्ठा हो गयी है। रामगोपाल ने भ्रम फैलाकर महागठबंधन तुड़वाया था। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा रामगोपाल ने अपनी मेधा का प्रयोग केवल षड्यंत्र करने और गिरोह बनाने में किया है। भाषा एजेंसी