पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुलायम ने कहा कि जनहित को ध्यान में रखते हुए इस फैसले को कुछ समय के लिए टाल देना चाहिए। मुलायम ने कहा कि वह कालेधन के खिलाफ हैं लेकिन सरकार का जो फैसला है उससे विचित्र स्थिति पैदा हो गई है। उन्होने कहा कि आम आदमी को इससे जो परेशानी हो रही है उसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने कहा कि राम मनोहर लोहिया के बाद अगर किसी ने कालेधन के खिलाफ सच्ची लड़ाई लड़ी है तो वह समाजवादी पार्टी ही थी। मुलायम सिंह ने कहा कि हम भी चाहते हैं देश में कालाधन वापस आए और इसका इस्तेमाल देश के विकास में हो। हम नहीं चाहते कि चुनाव में कोई भी पार्टी कालेधन का इस्तेमाल करे।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान कालाधन वापस लाने का फैसला किया था। लेकिन आम लोगों का कालेधन को लेकर दबाव पड़ने के बाद उन्होंने नोटों पर ही बैन लगा दिया। केंद्र सरकार ने इस फैसले से पूरे देश में अराजकता फैला दी है। आम लोग रोजमर्रा का सामान भी नहीं खरीद पा रहे। उन्होने कहा कि विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी कोई गठबंधन नहीं करेगी। बल्कि कोई राजनीतिक दल अगर सपा में विलय करना चाहता है तो वह स्वीकार्य है।