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जानिए मुकुल रॉय के बेटे ने क्यों कहा? "मेरे पिता को उपचार की आवश्यकता"

पश्चिम बंगाल के दिग्गज नेता मुकुल रॉय के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में लौटने की इच्छा जताने के बाद...
जानिए मुकुल रॉय के बेटे ने क्यों कहा?

पश्चिम बंगाल के दिग्गज नेता मुकुल रॉय के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में लौटने की इच्छा जताने के बाद बुधवार को उनके बेटे सुभ्रांग्शु ने कहा कि रॉय को इलाज की जरूरत है।

सुभ्रांग्शु ने संवाददाताओं से कहा कि रॉय के भाजपा में लौटने के बयान को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। पूर्व विधायक सुभ्रांग्शु ने कहा, ‘‘मैंने सुना है कि मेरे पिता ने क्या कहा। उन्हें इलाज की जरूरत है। उन्हें शारीरिक और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हैं। जो लोग अपने राजनीतिक हितों के लिए मेरे पिता का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता बहुत ज्यादा बीमार हैं और वह डिमेंशिया तथा पार्किंसन बीमारी से जूझ रहे हैं।’’

मंगलवार रात को मुकुल रॉय ने कहा था कि वह अब भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाहते हैं क्योंकि वह भाजपा में लौटने के इच्छुक हैं।

रॉय सोमवार रात ‘‘कुछ निजी काम’’ से दिल्ली गए थे, हालांकि शुरू में उनके परिवार ने दावा किया था कि वह ‘‘लापता’’ हो गए हैं। उनकी ‘‘मानसिक स्थिति ठीक’’ नहीं होने का दावा करते हुए परिवार ने कहा कि भाजपा को अस्वस्थ तृणमूल कांग्रेस नेता का इस्तेमाल कर गंदी राजनीति नहीं करनी चाहिए।

मंगलवार शाम को एक बंगाली समाचार चैनल से रॉय ने कहा, ‘‘मैं एक भाजपा विधायक हूं। मैं भाजपा के साथ रहना चाहता हूं। पार्टी ने मेरे यहां ठहरने के लिए इंतजाम किए हैं। मैं अमित शाह से मिलना चाहता हूं और जे पी नड्डा से बात करना चाहता हूं।’’

तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य रहे रॉय 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे। 2011 में उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी। हालांकि, इसके तुरंत बाद वह विधानसभा से इस्तीफा दिए बिना तृणमूल कांग्रेस में वापस आ गए।

इस बीच, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने रॉय की भाजपा में वापसी की संभावनाओं से इनकार किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें ऐसे लोगों को पार्टी में शामिल करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। अब हम बूथ स्तर पर अपने संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं।’’

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