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मणिपुर: एन बीरेन सिंह ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, लगातार दूसरी बार बने सीएम

एन बीरेन सिंह ने आज मणिपुर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें राज्यपाल एल गणेशन ने शपथ दिलाई। इस मौके...
मणिपुर: एन बीरेन सिंह ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, लगातार दूसरी बार बने सीएम

एन बीरेन सिंह ने आज मणिपुर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें राज्यपाल एल गणेशन ने शपथ दिलाई। इस मौके पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। दूसरी बार है जब बीरेन सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री बने हैं। बीरेन सिंह के साथ नेमचा किपगेन, वाई. खेमचंद सिंह, बिस्वजीत सिंह, अवंगबौ न्यूमाई और गोविंदास कोंथौजम ने इम्फाल में कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ ली।

सीएम पद की शपथ लेने के बाद एन बीरेन सिंह ने कहा, मैं अपने सभी सहयोगी और विधायक की सराहना करता हूं जिन्होंने मुझे समर्थन दिया और मैं राज्य के लोगों का भी आभार व्यक्त करता हूं। मेरी सरकार का पहला कदम होगा कि इस राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त करना। मैं राज्य से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए दिन-रात काम करूंगा। उन्होंने कहा कि हमारा अगला कदम यह होगा कि राज्य से किसी भी तरह के ड्रग संबंधी मामले को खत्म किया जाए।

बता दें कि मणिपुर के राज्यपाल एल गणेशन ने रविवार को बीजेपी विधायक दल के नेता और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। इससे पहले केंद्रीय मंत्रियों निर्मला सीतारमण और किरेन रिजिजू ने पार्टी की ओर से राज्यपाल को एक पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया कि एन बीरेन सिंह को सर्वसम्मति से 32 विधायकों के साथ भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है।

राजभवन के बयान में कहा गया है कि दो राजनीतिक दलों जनता दल (यूनाइटेड) के छह सदस्यों ने, कुकी पीपुल्स एलायंस के दो सदस्यों ने तथा एक निर्दलीय ने भाजपा को बिना शर्त अपना समर्थन दिया और उनके समर्थन पत्र भी राज्यपाल को सौंपे गए हैं। इससे भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के पास 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में 41 की संख्या होगी और दो तिहाई बहुमत होगा।

इससे पहले दिन में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि एन बीरेन सिंह दूसरे कार्यकाल के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। भाजपा द्वारा केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में मणिपुर भेजी गईं सीतारमण ने कहा कि सिंह को सर्वसम्मति से पार्टी के राज्य विधायक दल ने अपना नेता चुना।

पिछले 10 दिनों से जारी अनिश्चितता के बाद विधायक दल की बैठक और यह घोषणा हुई है, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी नेता बीरेन सिंह और भाजपा के वरिष्ठ विधायक टी बिस्वजीत सिंह केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए दो बार दिल्ली पहुंचे थे। हालांकि, पार्टी के भीतर मतभेद का खंडन किया गया था।

सीतारमण ने कहा था, ‘यह सर्वसम्मति से लिया गया एक अच्छा निर्णय है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि मणिपुर में एक स्थिर और जिम्मेदार सरकार हो।’

बता दें कि मणिपुर में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है। भाजपा ने 2017 के चुनाव में केवल 21 सीट हासिल की थी, लेकिन वह कांग्रेस के विधायकों को अपने पाले में करने में सफल रही, जिससे पार्टी के सदस्यों की संख्या 28 हो गई और बीरेन सिंह ने मणिपुर में पहली बार भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

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