महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच दिल्ली में मुलाकात हुई। इस अहम बैठक के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन सरकार के गठन पर तस्वीर साफ होने की उम्मीद है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि शरद पवार और सोनिया गांधी की बैठक में सहमति बनती है, तो इसके बाद शिवसेना के उद्धव ठाकरे भी जल्द सोनिया गांधी से मिल सकते हैं।
शरद पवार के बयान से बढ़ा सस्पेंस
हालांकि सोनिया गांधी के साथ बैठक से पहले शरद पवार ने चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा और शिवसेना एक साथ चुनाव लड़े और अब उन्हें अपने रास्ते चुनने होंगे। पवार के इस बयान से महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर अब असमंजस खड़ा हो गया है।
टल गई थी बैठक
इससे पहले एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की रविवार (17 नवंबर) शाम मुलाकात तय थी। पर शरद पवार को पुणे में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में देर हो गई। इसलिए, बैठक सोमवार शाम के लिए स्थगित कर दी गई। महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर होने वाली इस बैठक में न्यूनतम साझा कार्यक्रम और हिस्सेदारी पर चर्चा होने की संभावना है।
'महाराष्ट्र में सरकार गठन की स्थिति हो जाएगी साफ'
एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया कि सोनिया गांधी और शरद पवार की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन की स्थिति साफ हो जाएगी। इसके बाद मंगलवार को एनसीपी और कांग्रेस के नेता चर्चा करेंगे। महाराष्ट्र में कांग्रेस के अधिकतर नेता शिवसेना और एनसीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने की वकालत कर रहे हैं। पर पार्टी के अंदर कुछ नेता शिवसेना के साथ जाने को लेकर हिचक रहे हैं। इससे पहले राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने नागपुर में दोहराया था कि सरकार बनाने में अभी थोड़ा और वक्त लगेगा।
12 नवंबर को महाराष्ट्र में लगा था राष्ट्रपति शासन
किसी भी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने के बाद महाराष्ट्र में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। भाजपा के साथ अपना गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना समर्थन के लिए कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के पास गई थी। भगवा गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में क्रमश: 105 और 56 सीटें जीतने के बाद आसानी से बहुमत हासिल कर लिया था।