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NDA के सहयोगी RLP के बेनीवाल का किसानों के साथ दिल्ली कूच, फिर दी नाता तोड़ने की दी धमकी

किसानों के साथ दिल्ली कूच करने से पहले एनडीए के सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के...
NDA के सहयोगी RLP के बेनीवाल का किसानों के साथ दिल्ली कूच, फिर दी नाता तोड़ने की दी धमकी

किसानों के साथ दिल्ली कूच करने से पहले एनडीए के सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा को अब अपना जवाब देना होगा। किसानों से संबंधित इस मुद्दे को अब एक महीने से अधिक लंबा वक्त होने को जा रहा है। शनिवार को 'दिल्ली चलो' के लिए तैयार हजारों की संख्या में किसान जयपुर के पास कोटपूतली में एकत्रित हुए। बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी केंद्र में भाजपा की सहयोगी है।

बेनीवाल ने कहा, "लगभग 2 लाख किसान मेरे साथ दिल्ली के लिए मार्च कर रहे हैं और इस दौरान हम एनडीए के साथ हमारे गठबंधन के बारे में भी निर्णय लेंगै।. यदि कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते हैं, तो हम एनडीए के साथ अलग होने की घोषणा करेंगे।"

उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटा सकते हैं तो किसानों के लिए बनाई गई स्वामीनाथन की रिपोर्ट को क्यों लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जो किसान संगठन सबसे पहले आंदोलन कर रहे हैं उनसे वार्ता होगी और उन्हीं की वार्ता को अंतिम माना जाएगा।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को राजस्थान के किसान पूरी तरह समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि 60 साल कांग्रेस ने शासन करने के बाद भी स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू नहीं किया। कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को समर्थन देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे समर्थन से अगर सरकार गिर सकती है तो मैं अब तक  समर्थन ले लेता।

उन्होंने कहा कि जब लोकसभा में इस बिल को पास किया गया था तो वह लोकसभा में मौजूद नहीं थे वरना इस कानून को लोकसभा में ही फाड़ देते। उन्होंने कहा “भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री हर जिले में जाकर वर्चुअल रैली कर रहे हैं। मैं किसी भी रैली में शामिल नहीं हूं।” उन्होंने कहा कि एनडीए से समर्थन का निर्णय उचित समय आने पर किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 1952 से अब तक ऐसा कोई किसान आंदोलन ही नहीं हुआ जो इस बार हो रहा है। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं पर आरोप लगाया कि राजस्थान और पंजाब में उन्होंने केंद्रीय कृषि कानूनों के विरुद्ध नए कानून बनाए। यह सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए बनाया गया है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किसानों के कर्ज माफी के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजस्थान में किसानों का कोई कर्ज माफ नहीं हुआ है। जब उन्होंने किसानों को साथ लेकर हुकार रैली निकाली तो सरकार ने पचास हजार तक के कर्ज माफ किए। उन्होंने कहा कि किसानों के 82000 करोड रुपए के कर्ज माफ होने हैं लेकिन कोरोना के कारण वह आगे लड़ाई नहीं लड़ पाए ।कोरोना कम होने के बाद वह नए सिरे से इस संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे।

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