बिहार की राजनीति में एक दूसरे को 'कृष्ण और अर्जुन' की जोड़ी बताने वाले भाइयों के बीच मतभेद जगजाहिर है। लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने बिना किसी का नाम लिए आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के ही कुछ लोगों ने उनके पिता को दिल्ली में बंधक बना लिया है। तेज प्रताप ने इशारों-इशारों में तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद में कुछ लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं, यहां तक कि मेरे पिताजी को दिल्ली में रखे हुए हैं, उनको जेल से रिहा हुए महीनों बीत गये हैं लेकिन उनको पटना आने नहीं दे रहे हैं। माना जा रहा है कि तेज प्रताप के नये आरोपों से अब लालू प्रसाद के परिवार की लड़ाई नये मोड पर पहुंच गई है।
पटना में अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद की बैठक में तेज प्रताप ने कहा कि वो (लालू यादव) रहते थे तो रोज आम जनता जिन्हें वो अपना मालिक कहते हैं उनसे मिला करते थे। उनकी बातों को सुनते थे, उसका निदान निकालते थे पर कुछ लोग उन्हीं मालिक लोगों से जब मिलते हैं तो रस्सी घेर कर मिलते हैं।
तेजप्रताप यादव ने कहा कि पार्टी में जो काम हो रहा है उससे संगठन बढ़ेगा नहीं, बल्कि टूट जायेगा। ऐसे काम नहीं चलने वाला है। पिता जी अस्वस्थ चल रहे हैं इसलिए हम कोई प्रेशर नहीं देना चाहते हैं। वे बीमारी से जूझ रहे हैं। कुछ लोग इसका नाजायज फायदा उठा रहे हैं।
अक्सर तेज प्रताप यह कहते रहते हैं कि तेजस्वी यादव उनके अर्जुन हैं, और वो उनके कृष्ण हैं। वो खुद मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते बल्कि अपने भाई को बिहार का सीएम बनाना चाहते हैं। लेकिन पिता को बंधक बनाने के उनके बयान से साफ है कि वो अपने ‘अर्जुन’ से खफा हैं।
बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट द्वारा चारा घोटाला में जमानत दिए जाने के बाद से सजायाफ्ता लालू यादव दिल्ली में अपनी सांसद बेटी मीसा यादव के आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। वो वहीं से देश और बिहार की राजनीति पर नजर रख रहे हैं। साथ ही आरजेडी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हैं। दिल्ली में लालू यादव की सेवा के लिए राबड़ी देवी भी मौजूद हैं। तेजस्वी यादव भी अक्सर अपने पिता का हाल-चाल लेने और उनसे राजनीतिक चर्चा के लिए दिल्ली जाते रहते हैं।
इसके पहले भी तेजप्रताप एक कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के खिलाफ काफी कुछ बोल चुके हैं। बाद में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के आसपास रहने वाले लोग उनसे मिलने नहीं देते हैं।