अरूणाचल प्रदेश मुद्दे के बाद से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है। वहीं, राज्य में एनडीए की अगुवाई में नीतीश सरकार का गठन हुए दो महीने से अधिक हो चला है लेकिन मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है। इसको लेकर नीतीश कुमार ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है।
गुरुवार को बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के साथ हुई नीतीश कुमारी की मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा की मुलाकात हुई मगर इस दौरान मंत्रिमंडल विस्तार या फिर किसी प्रकार की कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।
आउटलुक से बातचीत में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) प्रवक्ता अजय आलोक कहते हैं, "अब मंत्रिमंडल विस्तार की जिम्मेदारी बीजेपी की है। क्योंकि उनके कोटे से अभी 15 मंत्री बनने हैं। जबकि, जेडीयू कोटे से चौदह मंत्री बनने हैं। अभी चार जेडीयू से और पांच बीजेपी से बन चुके हैं। जब तक बीजेपी लिस्ट नहीं देगी तब तक मंत्रिमंडल का विस्तार कैसे हो सकता है। बीजेपी शायद इस समय को शुभ नहीं मानती हैं। अभी खरमास चल रहा है। संभवत: इसके बाद कैबिनेट का विस्तार हो।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि उनकी नेताओं के साथ केवल बातचीत हुई थी। इस दौरान किसी भी तरह की कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में इतनी देरी इससे पहले कभी नहीं हुई थी। फिलहाल नीतीश मंत्रिमंडल कुल 14 मंत्री हैं।