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बिहार में जेडीयू के 8 नए मंत्रियों ने ली शपथ, नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा से कोई मतभेद नहीं

बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (यू) के कई विधायकों के सांसद बन जाने के बाद खाली हुए मंत्री पद भरने के लिए...
बिहार में जेडीयू के 8 नए मंत्रियों ने ली शपथ, नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा से कोई मतभेद नहीं

बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (यू) के कई विधायकों के सांसद बन जाने के बाद खाली हुए मंत्री पद भरने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया। इस दौरान जेडीयू के 8 विधायकों को मंत्री बनाया गया। राज्यपाल लालजी टंडन ने सुबह 11. 30 बजे राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। कैबिनेट विस्तार में भाजपा विधायकों को जगह नहीं मिली। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से किसी भी तरह के मदभेद होने से इनकार किया है।

नए मंत्रियों में नरेंद्र नारायण यादव, श्याम रजक, अशोक चौधरी, बीमा भारती, संजय झा, रामसेवक सिंह, नीरज कुमार और लक्ष्मेश्वर राय के नाम शामिल हैं। इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की थी।

विधानसभा चुनाव से पहले और केंद्रीय कैबिनेट के गठन के बाद यह कैबिनेट विस्तार काफी अहम माना जा रहा है। जुलाई 2017 में नीतीश महागठबंधन छोड़ एनडीए में आए थे। उसके बाद से यह पहला विस्तार है। केंद्र की मोदी सरकार में जेडीयू को कोई मंत्री पद नहीं मिला है। ऐसे में इस घटना की छाप नीतीश सरकार के कैबिनेट विस्तार में देखी जा सकती है।

हालांकि मंत्रिमंडल गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मंत्रिमंडल में जेडीयू कोटे से रिक्तियां थीं इसलिए जेडीयू नेताओं को शामिल किया गया, बीजेपी से कोई दिक्कत नहीं है, सब कुछ ठीक है।

वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने खाली मंत्री पद भरने के लिए भाजपा को पेशकश की थी। भाजपा ने भविष्य में इसे भरने का फैसला किया है।

बीजेपी का ऑफर जेडीयू को नामंजूर

जेडीयू ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बनने का फैसला करते हुए कहा कि वह केवल एक मंत्री पद की भाजपा की पेशकश को स्वीकार नहीं करेगा। पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने साफ कहा कि वे भाजपा के साथ हैं लेकिन मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने के औपचारिक न्योते को स्वीकार करने के प्रस्ताव पर उनकी पार्टी के लोगों ने अपनी सहमति नहीं दी। नीतीश इस बात को लेकर नाराज दिखे कि अकाली दल, जिसके दो संसद हैं, उसे और पासवान जिनके छह संसद हैं, की पार्टी का भी एक-एक कैबिनेट मंत्री बनाया गया जबकि उनकी पार्टी जेडीयू के 16 संसद हैं और उसके लिए भी इतनी ही जगह मंत्रिमंडल में रखी गई।

हालांकि जेडीयू प्रमुख ने कहा, "यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। हम पूरी तरह से राजग में हैं और बिल्कुल भी परेशान नहीं हैं। हम साथ काम कर रहे हैं। कोई भ्रम नहीं है।"

एजेंसी इनपुट्स

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