आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन को मजबूत करते हुए जनता दल (सेकुलर) ने भाजपा के साथ हाथ मिला लिया। इसी बीच भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख एचडी देवगौड़ा ने बुधवार को कहा कि बीजेपी के साथ आने का निर्णय पार्टी के साथियों से बातचीत कर ही लिया गया है।
एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए एचडी देवगौड़ा ने कहा, "भाजपा के साथ हाथ मिलाने से पहले, मैंने 19 विधायक और 8 एमएलसी की राय जानी, जेडी(एस) को भाजपा के साथ समझौता करने पर विचार करना चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि वह पीएम नरेंद्र मोदी से नहीं मिले, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह से पिछले दस सालों में पहली बार मिले।
उन्होंने कहा, "हम सत्ता के भूखे राजनेता नहीं हैं। मैंने गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत के दौरान कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति से उन्हें अवगत कराया।" एचडी देवगौड़ा ने आगे कहा कि एचडी कुमारस्वामी बेंगलुरु में गांधी प्रतिमा के पास कावेरी जल बंटवारे मुद्दे पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ धरने में आज शामिल होंगे।
जेडी(एस) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी से मुकाबला करने के लिए 22 सितंबर को भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से हाथ मिलाया था। एचडी कुमारस्वामी ने अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के संग बैठक के बाद गठबंधन की घोषणा की थी।
नए गठबंधन की घोषणा के बाद, जद (एस) के प्रदेश उपाध्यक्ष सैयद शफीउल्ला साहब और एम श्रीकांत और यूटी आयशा फरजाना सहित अन्य नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और कथित तौर पर पार्टी में कई मुस्लिम पदाधिकारियों के बीच असंतोष है।
कुमारस्वामी ने कहा, "हम जेडीएस-बीजेपी गठबंधन के किसी भी मुस्लिम नेता का अपमान नहीं करेंगे। हमने जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष सीएम इब्राहिम के साथ बीजेपी-जेडीएस गठबंधन के बारे में चर्चा की है। दशहरा उत्सव के बाद जेडीएस-बीजेपी गठबंधन के संबंध में और बातचीत होगी, जिसमें सीट बंटवारे पर चर्चा हो सकती है।"
इस बीच, जेडी (एस) से अपने इस्तीफे के बाद सैयद शफीउल्ला साहब ने भाजपा पर "मणिपुर में स्थिति पर चुप्पी बनाए रखने" का आरोप लगाया, जहां इस मई की शुरुआत में झड़पों के बाद हिंसा देखी गई थी।
जेडी (एस) और भाजपा की विचारधाराओं के बीच अंतर पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, "भाजपा के साथ गठबंधन बनाने के फैसले के बाद मैंने जेडीएस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। जेडी (एस) और भाजपा की विचारधारा, जो है हिंदुत्व पर आधारित, अलग हैं”।