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उपचुनाव के दौरान सैकड़ों ईवीएम खराब, दलित-मुस्लिम क्षेत्रों में गड़बड़ियों के आरोप

2019 से पहले विपक्षी एकजुटता की अग्निपरीक्षा साबित हो रहे कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा के उपचुनाव...
उपचुनाव के दौरान सैकड़ों ईवीएम खराब, दलित-मुस्लिम क्षेत्रों में गड़बड़ियों के आरोप

2019 से पहले विपक्षी एकजुटता की अग्निपरीक्षा साबित हो रहे कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा के उपचुनाव ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर सुबह से खबरों में हैं। भीषण गर्मी के बावजूद  उपचुनाव को लेकर मतदाताओं में काफी उत्साह देखने को मिला। लेकिन बड़ी संख्या में ईवीएम खराब होने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और कैराना से रालोद उम्मीदवार तब्बसुम हसन ने बड़ी संख्या में ईवीएम की खराबी को लेकर चुनाव इंतजामों पर सवाल उठाया है। सपा-रालोद का आरोप है कि सबसे ज्यादा वोटिंग मशीनें दलित और मुस्लिम बहुल इलाकों में खराबी हुईं, जो घंटों तक बदली नहीं गईं। 

हालांकि, चुनाव आयोग का कहना है कि बड़े पैमाने पर ईवीएम में खराबी के आरोप बढ़ा-चढ़ाकर लगाए जा रहे हैं। 

2019 से पहले यह चुनाव विपक्षी गठबंधन के लिए कैराना औरे नूरपुर चुनाव तगड़ा इम्तिहान है। फूलपुर और गोरखपुर सरीखी शिकस्त से बचने के लिए भाजपा ने भी यहां पूरा दम लगा दिया। ऐसे में बड़े पैमाने पर ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में गड़बड़ी को लेकर विपक्ष सरकार पर तीखे हमले बोल रहा है।    

ईवीएम में खराबी के मुद्दे पर आज विपक्ष के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला। इसमें रालोद अध्यक्ष अजित सिंह, सपा महासचिव रामगोपाल यादव और कांग्रेस के नेता आरपीएन सिंह शामिल थे। चुनाव आयोग से मिलने के बाद सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि हमने आयोग से मांग की है कि जहां एक या आधे घंटे से ज्यादा समय के लिए वोटिंग बाधित रही वहां पुनर्मतदान कराया जाए। इसके अलावा जिन बूथों पर इससे कम समय तक गड़बड़ी हुई वहां वोटिंग का समय छह बजे तक बढ़ाया जाए।

सपा और रालोद ईवीएम में गड़बड़ियों की शिकायत दोपहर ही चुनाव आयोग से कर चुकी थी, जिस पर सुनवाई न होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। कैराना लोकसभा सीट से रालोद की उम्मीदवार तबस्सुम हसन का कहना है कि मतदाताओं को जानबूझकर मताधिकार से वंचित किया जा रहा है। मुस्लिम और दलित बहुल इलाकों में खराब ईवीएम मशीनें बदली नहीं जा रही हैं। उन्होंने ईवीएम में खराबी वाले बूथों की शिकायत चुनाव आयोग से करते हुए इन्हें तुरंत ठीक कराने की मांग की है। रालोद उम्मीदवार ने ईवीएम हैक होने या उनसे छेड़छाड़ किए जाने की आशंका भी जताई है।   

उधर, महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया के 35 बूथ पर ईवीएम में खराबी की वजह से मतदान रूका हुआ था। एनसीपी के नेता  प्रफुल्ल पटेल ने कहा है भंडारा-गोंदिया चुनाव में ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी देखी गई है। चुनाव आयोग को ईवीएम की जगह बैलेट पेपर सिस्टम से चुनाव करना चाहिए। सपा नेता अखिलेश यादवजी ने उन्हें फोन कर बताया कि कैराना उपचुनाव में 300 ईवीएम मशीनें काम नहीं कर रही हैं। महाराष्ट्र के पालघर और भंडारा-गोंदिया चुनाव क्षेत्रों में 35 ईवीएम और 98 वीवीपीएटी मशीनों में गड़बड़ी की शिकायत आई है।   

चुनाव प्रबंधन की विफलता या कोई साजिश?

इस मामले पर ट्वीट करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "हज़ारों EVM में ख़राबी की शिकायतें आ रही हैं। किसान, मज़दूर, महिलाएँ व नौजवान भरी धूप में अपनी बारी के इंतज़ार में भूखे-प्यासे खड़े हैं। ये तकनीकी ख़राबी है या चुनाव प्रबंधन की विफलता या फिर जनता को मताधिकार से वंचित करने की साज़िश। इस तरह से तो लोकतंत्र की बुनियाद ही हिल जायेगी!" अखिलेश ने चुनाव आयोग से मांग की है कि शामली, कैराना, गंगोह, नकुड, थानाभवन और नूरपुर के लगभग 175 पोलिंग बूथों से EVM-VVPAT मशीन के खराब होने की शिकायत तुरंत सुनी जाए। समाजवादी पार्टी के नेता राजेंद्र चौधरी ने भी ईवीएम में गड़बड़ियों को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। राजेंद्र चौधरी ने आरोप लगाया कि नूरपुर में 140 ईवीएम खराब हुईं जबकि कैराना से भी ऐसी ही खबरें आ रही हैं। 

 

 

 

 

 

 

उधर, रामगोपाल यादव ने भी इस संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत की है। रामगोपाल यादव का कहना है कि कैराना के अधिकारी इस बात का संज्ञान नहीं ले रहे हैं। ईवीएम खराब होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है और जल्दी से जल्दी ईवीएम मशीन ठीक करवाई जाए।

 

 

कैराना की सिर्फ दो विधानसभाओं में 249 ईवीएम बदली!

कैराना लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सहारनपुर जिले की दो विधानसभा में 249 ईवीएम अभी तक बदल दी गईं। रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने ट्विटर पर उन पोलिंग बूथ की लिस्ट शेयर की है, जहां ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें आ रही हैं। जयंत ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया और वोट देने की आजादी पर खतरे की बात कहते हुए इतनी बड़ी संख्या में ईवीएम खराब होने पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि खराब मशीनें ठीक की जा रही हैं लेकिन जो लोग वोट दिए बिना ही वापस लौट गए उनका क्या? जयंत ने सिर्फ कुछ सीटों पर चुनाव के बावजूद वोटिंग मशीनों में बार-बार खराबी पर भी सवाल उठाया है। 

 

 

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