गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफे के बाद पार्टी में हलचल तेज हो गई है। पार्टी छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद ने बयान देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाया था। आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस को एक के बाद एक कई झटके लग रहे हैं। गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस के कई और नेता पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं, अब उनके समर्थन में जम्मू-कश्मीर में एनएसयूआई के नेताओं समेत 36 से अधिक नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने इस खबर की जानकारी दी है।
इनमें एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिरुद्ध रैना और प्रदेश महासचिव माणिक शर्मा भी शामिल हैं। सभी ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले मंगलवार को 65 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद कल यानी बुधवार को 42 नेताओं ने पार्टी छोड़ी थी। इन नेताओं में जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद भी शामिल हैं।
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">Over 36 Congress leaders, J-K NSUI leaders resign in solidarity with Ghulam Nabi Azad<br><br>Read <a href="https://twitter.com/ANI?ref_src=twsrc%5Etfw">@ANI</a> Story | <a href="https://t.co/B5mmDBPYWU">https://t.co/B5mmDBPYWU</a><a href="https://twitter.com/hashtag/ghulamnabiazadresigns?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#ghulamnabiazadresigns</a> <a href="https://twitter.com/hashtag/CongressParty?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#CongressParty</a> <a href="https://twitter.com/hashtag/JammuAndKashmir?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#JammuAndKashmir</a> <a href="https://t.co/h9hrMCY1ZK">pic.twitter.com/h9hrMCY1ZK</a></p>— ANI Digital (@ani_digital) <a href="https://twitter.com/ani_digital/status/1565281955599437829?ref_src=twsrc%5Etfw">September 1, 2022</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस छोड़ने के बाद नई सियासी पारी खेलने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि वो जल्द जम्मू कश्मीर से अपनी नई सियासी पारी का आगाज करेंगे। बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के नेतृत्व पर कई गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने ये भी कहा था कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं का अपमान किया जा रहा है साथ ही पार्टी पूरी तरह एक कठपुतली मॉडल पर काम कर रही है।
गुलाम नबी आजाद ने अपने बयान में इस बात का भी जिक्र किया था कि वो जल्द प्रेदश में एक नई पार्टी की स्थापना करेंगे। उन्होंने बताया कि, राज्य में आगामी चुनावों को लेकर नई पार्टी बनाने का फैसला लिया गया है। हालांकि, इससे ज्यादा उन्होंने इस बारे जानकारी देने से मना कर दिया था।
गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को सौंपे अपने इस्तीफे में लिखकर दिया था कि पार्टी का हर फैसला राहुल गांधी ही ले रहे हैं। राहुल पार्टी में मौजूद किसी भी वरिष्ठ नेता से राय तक नहीं ले रहे हैं जो अपमानजनक है। उन्होंने ये भी कहा कि, पार्टी राहुल के नेतृत्व में कई बार चुनाव हार चुकी है और आगे भी यही हाल होते दिख रहा है।
हाल ही में आजाद के साथ हुड्डा की मुलाकात विवादास्पद हो गई क्योंकि बाद में पार्टी ने राहुल गांधी और उनके नेतृत्व की खुले तौर पर आलोचना करते हुए उन्हें "बचकाना" और "अपरिपक्व" कहा। आनंद शर्मा, भूपिंदर सिंह हुड्डा और पृथ्वीराज चव्हाण कुछ ऐसे कांग्रेसी नेता थे, जिन्होंने बुधवार को गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की, जिससे पार्टी के अन्य नेताओं ने पार्टी और गांधी परिवार के प्रति उनकी वफादारी पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा ने कहा है कि हुड्डा का यह कदम पार्टी के रैंक और फाइल को भ्रमित और निराश करता है।