पटना में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मधेपुरा से सांसद पप्पू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू पर सत्ता और परिवार के लिए किसी की भी तिलांजलि देने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनों जदयू और राजद के उन नेताओं को बलि का बकरा बनाते रहेंगे जिनकी बदौलत ये सत्ता में आए।
उन्होंने जदयू और राजद के नेताओं से इन दोनों की हिटलरशाही के खिलाफ विद्रोह करने की अपील करते हुए कहा कि अगर तस्लीमुद्दीन उनकी पार्टी में आना चाहते हैं तो जन अधिकार पार्टी उनका स्वागत करेगी। राजद से निष्कासित पप्पू ने कहा कि अगर लालू प्रसाद को कार्रवाई करनी ही थी तो केवल तस्लीमुद्दीन के खिलाफ कार्रवाई क्यों की। नीतीश के खिलाफ टिप्पणी करने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने सीवान में गत 13 मई को पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के बाद राजद नेता मो. शहाबुद्दीन को वहां की जेल से भागलपुर स्थानांतरित किए जाने की कार्रवाई को फेस सेविंग की संज्ञा देते हुए कहा कि अगर वे इस मामले में दोषी हैं तो नीतीश कुमार सरकार ने उन्हें प्राथमिक अभियुक्त बनाते हुए उनके खिलाफ सीधे तौर पर अभी तक क्यों नहीं कार्रवाई की।
पप्पू ने कहा कि अगर इस मामले में शहाबुद्दीन की संलिप्तता नहीं है तो नीतीश सरकार उन्हें क्यों तंग कर रही है। पप्पू ने राज्यसभा के आगामी दस जून को होने वाले दि्ववार्षिक चुनाव में राजद से शहाबुद्दीन की पत्नी हिना के उम्मीदवार होने की चर्चा की ओर इशारा करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद से पूछा कि अगर उनके लिए शहाबुद्दीन खराब हैं तो उनकी पत्नी हिना कैसे अच्छी हो सकती हैं। उन्होंने लालू पर मुसलमानों को केवल वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए शहाबुद्दीन से अपील की कि वे राजद से अलग हो जाएं और लालू की किसी पेशकश को नहीं स्वीकारें।