गौरतलब है की लालू यादव ने अपने उत्तराधिकरी के फैसले को लेकर कहा था कि पिता का उत्तराधिकारी पुत्र ही होता है। लालू यादव की इस टिप्पणी को लेकर पप्पू यादव ने सवाल उठाया। पप्पू ने कहा कि राजनीति में पिता के लिए पुत्र को ही अपना उत्तराधिकारी बनाना जरूरी होता तो चौधरी चरण सिंह, कर्पूरी ठाकुर या अन्य नेता अपने बेटे को अपना राजनीतिक वारिस बना देते। हालांकि पप्पू ने यह भी कहा कि वे आज भी लालू जी को अपना नेता मानते हैं और किसी से नहीं डरते। उल्लेखनीय है कि गत पांच अप्रैल को पटना में राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद अपने उत्तराधिकारी लेकर पूछे गए प्रश्न को टालते हुए लालू ने कथित तौर पर कहा था कि केवल एक पुत्र अपने पिता का उत्तराधिकारी होता है।
पप्पू यादव ने कहा कि पटना में आयोजित राजद की राष्टीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान लालू प्रसाद की मौजूदगी में उन्हें अपमानित किया गया। पार्टी होने के बावजूद उन्हें तीसरी पंक्ति में जगह दी गयी। पप्पू ने कहा कि राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान जब बोलने के लिए उठे तो राजद सुप्रीमों के इशारे पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें बोलने से रोका गया जिससे वे दो रात सो भी नहीं पाए और मानसिक रुप से अशांत हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के समर्थक पप्पू ने कहा कि वे पुराने जनता परिवार के छह दलों के विलय का विरोध नहीं कर रहे हैं पर वे इस गठबंधन में मांझी और कांग्रेस को शामिल किए जाने के पक्षधर हैं। पुराने जनता परिवार के छह दलों में राजद भी शामिल है।