पश्चिम बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाले के मामले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंत्री पद से हटा दिया है। ईडी की गिरफ्तारी के बाद से पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटाए जाने की मांग चल रही थी। इस बीच आज ममता बनर्जी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई। इस बैठक के कुछ ही देर बाद मंत्री पद से हटाए जाने संबंधी आदेश जारी किया गया।
पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है। पार्थ को वाणिज्य एवं उद्यम मंत्री, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री व संसदीय कार्य मंत्री से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा कि घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी को 28 जुलाई से उनके विभागों के प्रभारी मंत्री के रूप में उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है। यानी अब उन पर किसी भी विभाग का प्रभार नहीं रहा है।
Partha Chatterjee, accused in West Bengal SSC recruitment scam, relieved of his duties as Minister in Charge of his Departments with effect from 28th July: Government of West Bengal pic.twitter.com/12Asu6b4L8
— ANI (@ANI) July 28, 2022
बता दें कि टीएमसी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने एसएससी घोटाला मामले में गिरफ्तार चटर्जी को कैबिनेट से बर्खास्त करने और उनसे जुड़ी संपत्तियों से लगभग 50 करोड़ रुपये नकद बरामद होने के बाद पार्टी से निष्कासित करने की मांग के कुछ घंटों बाद बैठक बुलाई थी।
दरअसल, एसएससी घोटाला मामले में पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद ममता सरकार विपक्षी दलों के साथ ही अपनी भी पार्टी के निशाने पर थीं। टीएमसी महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने पार्थ को पार्टी और मंत्रालय से हटाए जाने का आह्वान किया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, “पार्थ चटर्जी को मंत्रालय और पार्टी के सभी पदों से तुरंत हटाया जाना चाहिए, उन्हें निष्कासित किया जाना चाहिए। अगर इस बयान को गलत माना जाता है, तो पार्टी को उनको भी सभी पदों से हटाने का पूरा अधिकार है।