शिवसेना ने संपादकीय में लिखा कि इस हमले ने साबित किया है कि हमारी सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं, भारत की आंतरिक सुरक्षा भी धाराशायी हो गई है और शहीद हुए जवानों को सोशल नेटवर्किंग साइटों पर श्रद्धांजलि देने का एकमात्र राष्ट्रीय कार्य चल रहा है। मुखपत्र में छपे संपादकीय में कहा गया, नवाज शरीफ के साथ एक कप चाय के बदले में हमारे सात जवान शहीद हो गए। इस घटना ने साबित किया है कि हमारी सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं और हमारी आंतरिक सुरक्षा भी लड़खड़ा रही है। छह आतंकियों की जिंदगी देकर पाकिस्तान भारत की इज्जत तार-तार करने में सफल रहा है।
केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर भाजपा की सहयोगी पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, हमारे प्रधानमंत्री पिछले ही सप्ताह अपने समकक्ष नवाज शरीफ के मेहमान बनकर लाहौर गए थे। उस समय, हमने उन्हें पाकिस्तान पर यकीन न करने की चेतावनी दी थी। देखो, आज किस तरह से हमारे साथ विश्वासघात किया गया। यदि पाकिस्तान भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहता है तो उसे तत्काल ही जैश-ए-मुहम्मद के मौलाना मसूद अजहर को भारत के हवाले करना चाहिए।
पार्टी की ओर से संपादकीय में यह भी लिखा गया कि अगर आज कांग्रेस सत्ता में होती तो पाकिस्तान पर हमला बोलने और सैनिकों की मौत का बदला लेने की मांगें उठ रही होतीं लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है। संपादकीय के जरिये शिवसेना ने सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों पर कटाक्ष करते हुए कहा, अभी एकमात्र राष्ट्रीय कार्य यह किया जा रहा है कि शहादत देने वाले सैनिकों को ट्विटर पर श्रद्धांजलि दी जा रही है। लेकिन इन सैनिकों की जान गई क्यों? प्रधानमंत्री मोदी दुनिया को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब समय आ गया है कि वह भारत पर अपना ध्यान केंद्रित करें। शिवसेना ने यह भी कहा कि यदि भारत पठानकोट आतंकी हमले का बदला नहीं लेता है तो फिर गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपनी सेना, शस्त्रों और युद्धक सामग्री का प्रदर्शन बेमानी होगा।