प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल शर्मा ने कहा, हमारी तरफ से कोई शर्त नहीं है और सरकार गठन पर हमारे नेताओं की कोई बैठक नहीं हुई है। उन्होंने कहा, मुफ्ती साहब के निधन पर हम शोक मनाने के उनके परिवार के अधिकार का सम्मान करते हैं। शर्मा ने कहा कि सरकार गठन पर राज्यपाल की तरफ से उन्हें पत्र मिला है लेकिन सईद के निधन के चौथे दिन का कार्यक्रम होने के बाद ही पार्टी कोई निर्णय करेगी। शर्मा ने कहा, इस मुद्दे पर कोई जल्दबाजी नहीं है। मुफ्ती साहब के कल के कार्यक्रम के बाद वे निश्चित तौर पर बैठक करेंगे और निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा और पीडीपी के बीच यह ऐतिहासिक गठबंधन है और हम इसे जारी रखना चाहेंगे। उन्होंने कहा, हम राज्य में शांति और विकास में रूचि रखते हैं और हम चाहते हैं कि मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा दिखाए गए रास्ते पर यह गठबंधन जारी रहे।
उधर पीडीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने भी इन बातों से इंकार किया कि नई सरकार बनाने के लिए उनकी पार्टी या भाजपा ने कोई नई शर्त रखी है। अख्तर ने कहा, अपूरणीय क्षति से महबूबाजी शोक संतप्त हैं, मुफ्ती साहब न केवल उनके पिता बल्कि मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत भी थे। उन्होंने कहा, इस वक्त हम सरकार गठन के बारे में चर्चा की स्थिति में नहीं है तो फिर शर्तों के बारे में बातचीत कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सहित पार्टी नेतृत्व उपयुक्त समय पर सरकार गठन के बारे में चर्चा करेंगे और निर्णय करेंगे।
वहीं मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद नई सरकार के अभी तक नहीं बनने पर नेशनल कन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाया कि जम्मू कश्मीर में कौन शासन चला रहा है क्योंकि अभी तक राज्यपाल शासन की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीटर पर लिखा, मुफ्ती साहब के निधन के 48 घंटे बाद भी राज्यपाल शासन की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है और अभी तक कोई सरकार नहीं है तो मैं पूछता हूं कि शासन कौन चला रहा है?
दिल्ली के एम्स में वृहस्पतिवार की सुबह मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन हो गया था और उनकी बेटी तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने चार दिनों का शोक खत्म होने का रिवाज पूरा होने तक शपथ लेने में अनिच्छा जताई है। राज्यपाल एन. एन. वोहरा ने शुक्रवार को महबूबा और भाजपा अध्यक्ष सतपाल शर्मा को अलग-अलग पत्र लिखकर राज्य में नई सरकार बनाने पर उनका रूख स्पष्ट करने को कहा था। पिछले साल मार्च में बनी पीडीपी और भाजपा गठबंधन सरकार का नेतृत्व सईद कर रहे थे।