सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि लखनऊ में शनिवार को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने जनता को गुमराह करने की अपनी कला का अच्छा प्रदर्शन किया है। भाजपा का यही चरित्र और आचरण है कि उसे करना कुछ नहीं है, लेकिन श्रेय जो नहीं किया है, उसका भी जरूर लेना है।
अखिलेश ने कहा कि विकास के नाम पर झूठे आंकड़े पेश करने में उनको महारत है। यह कैसी विडंबना है कि बिना कुछ किए मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री की प्रशंसा की जाती है और प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को बधाई दी जाती है। जनता हतप्रभ है कि उनके हित में कुछ नहीं किया, तब भी एक दूसरे की तारीफ की जा सकती है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में पूर्ववर्ती सपा सरकार पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने दुहराया कि पिछली सरकार में लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए चिट्ठी पर चिट्ठी लिखनी पड़ती थी, आग्रह करना पड़ता था। इसके अलावा उन्होंने अखिलेश यादव के बंगले को लेकर भी तीर छोड़े।
इसके बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने जवाबी हमले में कहा कि प्रधानमंत्री ने लखनऊ के विकास कार्यों का बड़ा सुंदर हवाई खाका खींचा, लेकिन यह बताने में उन्हें क्यों संकोच हुआ कि समाजवादी सरकार के समय ही प्रदेश में विकास को गति मिली। राजधानी का सौंदर्यीकरण हुआ। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे जैसी शानदार 302 किलोमीटर की सड़क बनी, जिस पर वायु सेना के विमान भी उतरे हैं। गोमती रिवरफ्रंट, जनेश्वर मिश्र पार्क बने। बेहतर होता लखनऊ में मेट्रो की चर्चा के साथ यह भी बता देते कि इसकी शुरूआत किसने की। भाजपा शासन में तो स्वास्थ्य-शिक्षा, कानून-व्यवस्था हर क्षेत्र में हालत बदतर हुई है, किसानों की आत्महत्या और बेकारी के कारण नौजवानों की हताशा भी भाजपा शासन की देन है। इसके बाद बाहर से पूंजी निवेश और स्मार्ट सिटी की बातें सिर्फ अच्छा प्रहसन हो सकती है।
सपा प्रमुख ने कहा कि जनता यह जान चुकी है कि जबानी जमा खर्च से विकास नहीं होता है। 22 साल सत्ता में रहने के बावजूद गुजरात में न तो एक्सप्रेस-वे जैसी एक सड़क बना पाए, न समाजवादी सरकार की तरह 18 लाख लैपटॉप बांट पाए और नहीं किसानों को फसल बीमा की सुविधा दे सके। और न मेट्रो रेल की व्यवस्था दे सके। समाजवादी सरकार में गरीबों को जो लोहिया आवास 3.5 लाख रुपये में निःशुल्क दिए गए, उनमें एलईडी बल्ब, पंखे और सौर ऊर्जा भी सुलभ है। भाजपा तो उसमें भी लाभार्थियों से वसूली कर रही है। 55 लाख गरीब महिलाओं को समाजवादी पेंशन का लाभ दिया गया था जिसे भाजपा ने छीन लिया।
अखिलेश ने कहा कि किसानों, गरीबों, महिलाओं और युवाओं की बात करने वाले भाजपाई प्रधानमंत्री को अपने कार्यकाल का रिकार्ड भी देख लेना चाहिए। देश में सारी संपत्ति एक प्रतिशत घरों में कैद है। गरीब और गरीब है। पूंजी घरानों के सौ खून माफ हैं। किसी राज्य में महिलाएं यहां तक कि बच्चियां तक सुरक्षित नहीं। नौजवानों को दो करोड़ रोजगार देने का वादा था, उल्टे उनसे नौकरियां छिन गई। नोटबंदी-जीएसटी ने व्यापार चौपट कर दिया। यही उनका विकास है तो विनाश किसे कहेंगे?