ओवैसी ने कहा कि अखिलेश मुसलमानों को भाजपा से डराकर वोट हासिल करना चाहते हैं।
कानपुर की आर्यनगर सीट से विधानसभा चुनाव में खड़े एआईएमआईएम उम्मीदवार के समर्थन में जनसभा करने बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे ओवैसी कानपुर पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह पहले भी कानपुर आना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें आने नहीं दिया।
ओवैसी ने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से चुनाव आयोग के डर के कारण उन्हें यहां आने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में करीब एक दर्जन चुनावी सभायें कर चुके हैं लेकिन उनके भाषण से प्रदेश में कहीं भी कानून व्यवस्था को खतरा नही पहुंचा।
ओवैसी ने कहा कि असल में उनसे कानून व्यवस्था को नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी की सरकार को खतरा था क्योंकि उसे यह बात सामने आने का डर था कि वह भारतीय जनता पार्टी का डर दिखाकर मुसलमानों का वोट हासिल कर रही है।
मुस्लिम बाहुल्य इलाके कर्नलगंज में ओवैसी ने उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा ने वायदा किया था कि मुसलमानों की बस्तियों में स्कूल खोले जायेंगे, मुस्लिम युवाओं को पुलिस समेत सभी जगह भर्ती की जायेगी। लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।
आज उत्तर प्रदेश पुलिस में 55 प्रतिशत से पद रिक्त हैं। मुस्लिम बस्तियों में साफ पानी देने का वादा भी धरा रह गया। उल्टे, सैफई में खोली गई लायन सफारी में बाघों के पीने के पानी के लिये वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगवाया गया।
ओवैसी ने कहा कि मुजफ्फरनगर के दंगा पीडित़ों को आज तक इंसाफ नहीं मिला। फिर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में क्या फर्क रहा। जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे वहां भी दंगे हुये थे और वहां भी मुस्लिमों को इंसाफ नही मिला था। इसलिये अखिलेश और मोदी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। भाषा