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पीएम मोदी ने रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर श्रद्धांजलि दी, बोले- वे हमारे देश की अग्रणी सांस्कृतिक विभूतियों में से एक हैं

रवींद्रनाथ टैगोर की 163वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की प्रगति की दिशा में...
पीएम मोदी ने रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर श्रद्धांजलि दी, बोले- वे हमारे देश की अग्रणी सांस्कृतिक विभूतियों में से एक हैं

रवींद्रनाथ टैगोर की 163वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की प्रगति की दिशा में उल्‍लेखनीय योगदान के लिए उन्‍हें याद किया।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘मैं गुरुदेव टैगोर को उनके जयंती पर प्रणाम करता हूं। वे एक बहुमुखी व्यक्तित्व थे जिनको भारत के इतिहास और समृद्ध साहित्यिक कार्यों के प्रति योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वे एशिया के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता थे और भारत के राष्ट्र-गान रचयिता भी। वे हमारे देश की अग्रणी सांस्कृतिक विभूतियों में से एक हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी याद किया

ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा महान कवि और लेखक को मैं श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। रवीन्द्रनाथ टैगोर के जन्मदिन पर ममता बनर्जी ने उनकी कविता को कोट करते हुए लिखा कि “जहां मन भय रहित हो और सिर ऊंचा रखा हो; जहाँ ज्ञान मुफ़्त है; जहां दुनिया संकीर्ण घरेलू दीवारों से टुकड़ों में नहीं बंटी है आजादी के उस स्वर्ग में, मेरे पिता, मेरे देश को जागने दो।”

प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्ला और अंग्रेजी में लिखी इस पोस्ट में गुरुदेव का वीडियो भी साझा किया है। उल्लेखनीय है कि गुरुदेव टैगोर की रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान बनीं। इनमें ‘जन गण मन’ भारत का राष्ट्रगान तो ‘आमार सोनार बांग्ला’ बांग्लादेश का राष्ट्रगान बना। टैगोर ने कई कृतियां लिखीं जिनमें कविताएं, लघु कथाएं और उपन्यास लोकप्रिय हैं। उन्हें 1913 में गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे इसे हासिल करने वाले पहले गैर-यूरोपीय और पहले गीतकार थे।

बता दें कि रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के प्रसिद्ध जोर सांको भवन में हुआ था। उनके पिता देबेन्‍द्रनाथ टैगोर (देवेन्द्रनाथ ठाकुर) ब्रह्म समाज के नेता थे। टैगोर विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। रवींद्रनाथ को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे एकमात्र कवि हैं, जिसकी दो रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान बनीं। भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएं हैं।

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