योगी सरकार और कांग्रेस के बीच बस को लेकर शुरू हुई सियासत और तीखी हो गई है। लखनऊ पुलिस ने कांग्रेस की ओर से उपलब्ध कराए गए बसों की सूची में गड़बड़ी के आधार पर फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को जेल भेज दिया है। अजय कुमार लल्लू को बुधवार देर रात गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। लल्लू को पीजीआई के पास बनी अस्थायी जेल में रखा गया है। इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाधी के निजी सचिव संदीप सिंह के खिलाफ भी अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज है। हालांकि उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
कांग्रेस कर रही गिरफ्तारी का विरोध
इस बीच लल्लू की गिरफ्तारी और जेल भेजे जाने की खबर मिलते ही एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने तेलीबाग इलाके में आधी रात को ही प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। वे लल्लू की रिहाई की मांग कर रहे थे। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विश्व विजय सिंह ने आउटलुक को बताया कि प्रदेश सरकार की मजदूर विरोधी छवि का पर्दाफाश हो गया है। बौखलाहट में की गई कार्रवाई की कोई कानूनी जमीन नहीं है। विश्वविजय कहते हैं, कांग्रेस ने बसों की आपूर्ति के लिए टेंडर तो भरा नहीं था। ये बसे स्वेच्छा से ऑफर की गई थी ताकि प्रवासियों को अपने घर वापस जाने में हमारी ओर से भी मदद मिल जाए।”
फेसबुक लाइव के जरिए जनता के बीच जाएगी कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस की ओर से बुधवार को राजधानी लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय समेत सभी जिला मुख्यालयों पर सरकार की दमनकारी नीतियों के विरोध में धरना दिया गया। बृहस्पतिवार को कांग्रेस के करीब 50 हजार कार्यकर्ता फेसबुक लाइव के माध्यम से जनता के सामने कांग्रेस का पक्ष रखेंगे। विश्वविजय कहते हैं हम अपनी बात जनता की अदालत में ले जा रहे हैं सच और झूठ का फैसला जनता की अदालत में ही होगा। उन्होंने कहा कि हमने अच्छी नीयत के साथ बसों की सहायता करने की पेशकश की थी। सरकार भी मान रही है कि हमारी सूची में 879 बसें और कुछ स्कूल बस सही थे। उन्हें तो प्रवासियों की मदद में लगाया जा सकता था। हम अपनी ओर से सड़क पर चल रहे लोगों की लगातार मदद कर रहे हैं। जगह-जगह कैंप लगाकर लोगों की भरसक सहायता की जा रही है।