भूषण के साथ योगेंद्र यादव को इस महीने की शुरूआत में पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति से बाहर कर दिया गया था। पिछले साल नवंबर के बीच में एक ई-मेल संवाद में भूषण ने कहा था कि आप दिल्ली चुनाव जीतने को लेकर इतनी व्यग्र है कि वह उम्मीदवारों का चयन जीतने की क्षमता के आधार पर कर रही है।
भूषण ने 28 नवंबर 2014 को पीएसी सदस्यों को भेजे गए अपने ई-मेल में कहा था, मेरी स्पष्ट धारणा बन रही है कि इस चुनाव को जीतने की व्यग्रता और संकीर्ण नजरिया कि हम उम्मीदवारों के जीतने की क्षमता को अपना रहे हैं, हम पार्टी के अस्तित्व में आने के बुनियादी कारणों की बलि दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि हमने दिल्ली का प्रबंधन अरविंद केजरीवाल पर छोड़ने का फैसला किया है लेकिन उम्मीदवारों को मंजूरी देने के लिए पारदर्शिता के न्यूनतम मानदंडों का पालन किए बिना, उम्मीदवारों के चयन के मामले में खड़े हो रहे सवालों पर मैं रबर स्टांप नहीं रह सकता। एक अन्य ई-मेल में भूषण और यादव ने चार उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि पर सवाल खड़े किए थे। ये चारों अब पार्टी के विधायक हैं।