केजरीवाल को एक खुले पत्र में भूषण ने कहा है कि पार्टी के साथ आप जो कर रहे हैं उसे इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। भूषण और यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 28 मार्च को आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया गया था।
भूषण ने कहा, अपार बहुमत के साथ दिल्ली चुनाव में जीत के बाद जब तकदीर आपके साथ है आपको इस देश के लोगों को अपना सर्वश्रेष्ठ गुण दिखाना चाहिए। दुर्भाग्य है कि अब आपके बदतरीन गुण सामने आए हैं। भूषण ने विस्तार से लिखा है कि किस तरह उनके और केजरीवाल के बीच मतभेद गहराये। पत्र में कहा गया है कि केजरीवाल ने दिल्ली में सत्ता में आने के लिए कई अनैतिक और आपराधिक कदम उठाये जिनका उन्होंने लगातार विरोध किया। केजरीवाल को उनका आवाज उठाना अच्छा नहीं लगा इसलिए धीरे-धीरे उन्हें किनारे लगा दिया गया।
प्रशांत ने यह भी कहा है कि केजरीवाल पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का गला घोंट रह़े हैं। वह और उनकी कोटरी स्वराज के मूल्यों की अनदेखी कर रही है। प्रशांत ने अंत में केजरीवाल को गुड बाय एंड गुड लक कहा है।
उधर, पार्टी कार्यकर्ताओं को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए आप नेता एवं दिल्ली के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के संसदीय सचिव आदर्श शास्त्री ने कहा कि बागी नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की ओर से 14 अप्रैल को बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेना अनुशासनहीनता माना जाएगा।