कृषि विरोधी केंद्रीय काले कानूनों के विरुद्ध पंजाब विधान सभा के विशेष सत्र में पेश किये जाने वाले बिल की कापी हासिल करने के लिए मुख्य विरोधी पक्ष आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक रोष के तौर पर सदन के अंदर ही धरने पर बैठ गई।
नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने अमरिन्दर सिंह सरकार की ओर से अति महत्वपूर्ण और पंजाब के भविष्य के साथ जुड़े इस प्रभावित बिल सदन में पेश होने तक गुप्त रखने के पीछे बड़ी साजिश के दोष लगाए। चीमा ने कहा कि अमरिन्दर सिंह एक बार फिर पानियों के बारे में समझौते (पंजाब वाटर ट्रमीनेशन लॉ आफ एग्रीमेंट एक्ट-2004) की तर्ज पर पंजाब और पंजाब के किसानों के साथ फरेब करने की तैयारी में हैं। जैसे तत्कालीन मनमोहन सरकार के साथ मिल कर अमरिन्दर सिंह ने पानी रद्द करने वाले फर्जी एक्ट के साथ फोकी वाह-वाह तो कमा ली परंतु उस एक्ट का पंजाब को रत्ती भर भी लाभ नहीं हुआ और न ही वह एक्ट सुप्रीम कोर्ट तक टिक सका। चीमा ने कहा कि अमरिन्दर सिंह ने उसी तरह की गांठ-सांठ अब मोदी सरकार के साथ करके उसी तर्ज पर यह बिल पेश किया जा रहा, जिससे अंत को यह बिल मोदी सरकार के हक में भुगते।
यही कारण है कि बिल के खरड़े की शब्दावली को बिल सदन की मेज पर रखे जाने तक गुप्त रखा जा रहा है, जबकि चाहिए यह था कि इस बिल के खरड़े को पास करने से पहले विरोधी पक्ष के नुमाइंदों समेत किसान जत्थेबंदियों और अन्य खेती और कानूनी माहिरों को 15 दिन पहले भेजी जाती (जैसे कि विधान सभा की नियमावली कहती है) जिससे सभी अपनी अपनी राए देते और सिक्केबंद कानून बनता, जो हर चुनौती पर फतेह हासिल कर पंजाब और पंजाब के किसानों का भविष्य सुरक्षित करता।
इस मौके विधायक अमन अरोड़ा, प्रिंसीपल बुद्ध राम, कुलतार सिंह संधवां, प्रो. बलजिन्दर कौर, सरबजीत कौर माणूंके, रुपिन्दर कौर रूबी, मीत हेयर, जै सिंह रोड़ी, मनजीत सिंह बिलासपुर, कुलवंत सिंह पंडोरी, मास्टर बलदेव सिंह ने कहा कि जब तक बिल की कापी नहीं मिलेगी तब तक वह पंजाब विधान सभा के अंदर ही डटे रहेंगे। विधान सभा में डटे विधायकों के साथ रोपड़ से विधायक अमरजीत सिंह संधोआ भी शामिल थे।
अमन अरोड़ा ने कहा कि यदि किसान रेल पटडिय़ों पर रातें काट सकती हैं तो उनके हकों के लिए हम विधान सभा के अंदर रात काट कर अपना फर्ज निभाएंगे।