तृणमूल कांग्रेस के छह नेताओं ने आरोप लगाया है कि असम के सिलचर एयरपोर्ट पर उनके साथ घुसपैठियों की तरह व्यवहार किया गया और वापस भेज दिया गया। ये नेता असम में नेशनल रजिस्ट्रर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) जारी होने के बाद की स्थिति का जायजा लेने असम गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। इन नेताओं ने शुक्रवार की सुबह रात भर रोके जाने के बाद असम छोड़ दिया।
कोलकाता पहुंचने के बाद टीएमसी के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने आरोप लगाया कि जिस तरह से घुसपैठियों से व्यवहार होता है और उन्हें वापस भेज दिया जाता है ठीक उसी तरह से हमारे साथ हुआ। हमारे साथ हाथापाई की गई, यहां तक महिला सांसदों को भी नहीं बख्शा गया। उन्होंने सवाल किया कि किस तरह से छह मंत्री, एक मंत्री और एक विधायक राज्य में समस्या खड़ी कर सकते हैं।
सिलचर से रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि हम वापस जा रहे हैं। पुलिस ने हमें जाने की अनुमति नहीं दी। हमने उनसे कई बार आग्रह किया पर उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हमने सारी रात एयरपोर्ट के तीन कमरों में गुजारी।
प्रतिनिधिमंडल की एक अन्य सदस्य काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि जिस तरह से सांसदों और मंत्री (फिरदाद हकीम) से व्यवहार किया गया उससे साफ होता है कि लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता कि देश में कानून का शासन है। ऐसा लगता है जैसे अघोषित इमरजेंसी लागू है।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को रोकने के दौरान एयरपोर्ट पर काफी हंगामा हुआ था। इस दौरान हुई धक्का-मुक्की में तीन कांस्टेबल घायल हो गए जिनमें दो महिलाएं थीं।