आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने आज कहा कि केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा विरोधी दलों के शासन वाले राज्यों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ क्षेत्रीय दल उनकी पार्टी के साथ आएं। राजग से अलग होने के बाद पहली बार दिल्ली आए तेदेपा प्रमुख ने कहा कि राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने और विशेष फंड उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार पर उनका दबाव जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि आज मेरी प्राथमिकता मेरा राज्य है। राकांपा के शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि विरोधी दलों के नेताओं से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि हमने राजग इसलिए छोड़ी क्योंकि सरकार हमारी मांगों की अनदेखी कर रही थी। यह अन्याय है। तेदेपा प्रमुख ने भाजपा के जयंत सिन्हा, हेमा मालिनी, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल और अपना दल की अनुप्रिया पटेल से भी मुलाकात की।
Delhi: Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu met Farooq Abdullah & Jyotiraditya Scindia in Parliament. pic.twitter.com/V5YzSbkGkn
— ANI (@ANI) April 3, 2018
नायडू ने कहा कि क्षेत्रीय और वाम दलों ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने में तेदेपा का समर्थन किया। इसके लिए हम इनके आभारी है। हम इनका समर्थन केंद्र पर दबाव बनाने के लिए चाहते हैं ताकि वह राज्यों की अनदेखी न कर सके।
नायडू से मुलाकात के बाद माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि हमने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने पर बात की। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की वादाखिलाफी पर भी हमने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हम सभी एक साथ हैं और हम सारे मुद्दे एक साथ लेकर सदन के वेल में जाने की जगह इसे फ्लोर पर उठाएंगे।
नायडू ने संसद में विपक्ष की रणनीति पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से भी चर्चा की। तृणमूल सांसद डरेके ओ ब्रायन ने कहा कि नायडू ने उनकी पार्टी को अविश्वास प्रस्ताव के लिए लाए गए नोटिस का समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। नायडू ने कांग्रेस के वीरप्पा मोइली, भाकपा के डी राजा, सपा के राम गोपाल यादव, तृणमूल के सुदीप बंदोपाध्याय, एआइएडीएमके के वी मैत्रियन से भी मुलाकात की। इन सभी के साथ नायडू संसद के सेंट्रल हॉल में मिले।