पटना। राकांपा ने बुधवार को हुए सीट बंटवारे के एलान पर नाखुशी जताते हुए अपने लिए 12 सीटों की मांग की है। राकांपा के महासचिव एवं कटिहार से सांसद तारिक अनवर ने गुरूवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव द्वारा महागठबंधन में उनकी पार्टी के लिए मात्र तीन सीट छोडा जाना अपमानजनक और पार्टी की अनदेखी किया जाना है। उन्होंने कहा कि इससे लगता है कि लालू और नीतीश जी को मुस्लिम एवं दलितों का समर्थन नहीं चाहिए और वे बिना दलित एवं मुस्लिम वोट के संप्रदायिक शक्तियों से निपटना चाहते हैं।
जदयू, राजद, कांग्रेस ने बुधवार को एकता प्रदर्शित करते हुए एक मंच पर आकर आगामी सितंबर-अक्टूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आपस में महागठबंधन बनाने की तथा आपसी सहमति एवं तालमेल से यह चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से जदयू और राजद 100-100 सीटों और कांग्रेस 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। राजद प्रमुख लालू प्रसाद और कांग्रेस के बिहार प्रभारी सी पी जोशी की उपस्थिति में नीतीश ने बुधवार को कहा था कि इन दलों के बीच सीटों के तालमेल को लेकर आपसी सहमति बन चुकी है और इसी के अनुसार हम आगामी चुनाव में उतरेंगे और बाकी बची तीन सीटों के बारे में अभी घोषणा की जानी बाकी है। बिहार विधान परिषद के लिए 24 सीटों पर हुए हाल के चुनाव में राकांपा भी इन तीनों दलों के साथ थी। उसके बारे में उन्होंने कहा था कि हमें उम्मीद है कि राकांपा हमलोगों के साथ आएगी।
राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर ने सीटों के बंटवारे को उनकी पार्टी के लिए सम्मानजनक नहीं बताते हुए अपनी पार्टी के लिए कम से कम 12 सीटों की मांग की। अनवर ने बताया कि उनकी पार्टी आगामी 16 अगस्त को पटना में प्रदेश के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से बात कर अपनी आगे की रणनीति तय करेगी। तारिक ने कहा कि एकतरफा निर्णय लिए जाने के बजाए इसके लिए कुछ आधार और मापदंड होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार में उनकी पार्टी ने 5.6 लाख मत प्राप्त किए थे और एक संसदीय सीट जीती थी।
इस बीच कटिहार राकांपा इकाई ने तारिक अनवर से 15 सीटों से कम पर समझौता नहीं करने की मांग करते हुए राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का सुझाव दे दिया है।