बाद में राकांपा ने दस सीटों से कम पर गठबंधन करने से इंकार कर दिया। उसके बाद यह तीन सीटें सपा के कोटे में चली गई। लेकिन सपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया तब लालू यादव ने अपने कोटे से दो सीटें और दे दी। शनिवार को लालू ने पत्रकारों से कहा कि सपा को दो सीटें उन्होने अपने कोटे से दी है यानी राजद अब 98 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
लालू की इस घोषणा के बाद सपा कार्यकर्ताओं में जहां उत्साह नजर आया वहीं राजद के कुछ कार्यकर्ता नाराज बताए जा रहे हैं। सपा के एक नेता के मुताबिक समझौते के दौरान सीटों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी लेकिन सपा की प्रदेश में उपस्थिति पहले से ही रही और पिछले कई विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उम्मीदवार भी खड़े किए थे। जिसमें कुछ चुनाव भी जीते थे। दरअसल पूर्व विधायक और सपा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र यादव ने लालू और नीतीश के प्रति यह कहकर नाराजगी जताई थी कि जब जनता दल परिवार एक हो रहा है तो पार्टी की भी एक बार राय लेनी चाहिए। इस बात की शिकायत रामचंद्र यादव ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से भी किया था। सूत्रों के मुताबिक मुलायम ने ही लालू से सीटों को लेकर चर्चा की तब जाकर लालू ने अपने कोटे से दो सीटें और दी।
गौरतलब है कि 2005 के फरवरी माह में हुए विधानसभा चुनाव में सपा को चार सीटों पर जीत मिली थी जबकि अक्टूबर 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में दो सीटें मिली थी। सपा हर चुनावों में उम्मीदवार खड़ा करती रही है। ऐसे में उम्मीद थी कि इस बार भी पार्टी को गठबंधन के तहत कुछ सीटें मिलेगी। लेकिन राजद, जदयू और कांग्रेस ने सीटों का बंटवारा कर लिया। उसके बाद से सपा के कुछ नेताओं ने इसका विरोध किया। उसके बाद ही सपा को पांच सीटें मिली।