जाट नेता और रालोद अध्यक्ष अजित सिंह ने आज लखनऊ में एक बयान जारी कर कहा कि राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह के प्रयासों से जिन किसानों, पिछड़े वर्गों और वंचित समाज के लोगों को भागीदारी मिली, वे आज उपेक्षित हैं। मौजूदा समय में किसानों की दुर्गति है। उपज का लाभकारी मूल्य तो दूर की बात, लागत मूल्य मिलना भी दूभर हो गया है। उन्होंने कहा, अगले वर्ष विधानसभा के चुनाव आसन्न हैं। वक्त का तकाजा है कि डॉ. लोहिया और चौधरी साहब के नेतृत्व और नीतियों में विश्वास रखने वाले दल एवं व्यक्ति के समूह एक साथ मिलकर कार्य करें। आपसी मतभेदों को भुलाकर एक मंच पर एकत्र हों। सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शरद यादव चौधरी चरण सिंह के अनुयायी रहे हैं। बिहार सरकार की गुड गवर्नेंस को देखकर चौधरी साहब के सुशासन के दिनों की याद ताजा होती है।
जाट नेता ने कहा, मैं समान विचाराधारा वाले दलों एवं व्यक्तियों के समूहों से अनुरोध करता हूं कि राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में एक साथ काम करने का संकल्प लें, ताकि उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों में किसानों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों को उनका हक दिलाने में एक कारगर मंच मुहैया हो सके। उल्लेखनीय है कि रालोद अध्यक्ष ने पिछले दिनों लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी और रालोद उनके पुत्र और पार्टी महासचिव जयंत चौधरी को चेहरा बनाकर चुनाव लड़ेगी।