झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज साहू के ठिकानों पर आयकर की छापामारी और तीन सौ करोड़ से अधिक नकद की बरामदगी के बाद बवाल मचा हुआ है। कुल बरामदगी, इतने पैसे नकद क्यों, कारोबार के हैं या किसी और के, हाल के चुनाव या आने वाले चुनाव को लेकर तो नहीं थे ऐसे कई सवाल अभी अनुत्तरित हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब बरामदगी को लेकर टि्वट किया तो भाजपा के नेता मानों नेतृत्व का आदेश मानकर मैदान में कूद पड़े। केंद्रीय प्रवक्ताओं से लेकर प्रदेश के नेताओं ने आरोपों की झड़ी लगा दी। आनन फानन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आज दस दिसंबर को पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन का एलान कर दिया। कांग्रेस और सहयोगी पार्टियों को सांप सूंघे रहा। नोटों की बरामदगी को लकर भाजपा नेताओं के आक्रामक तेवर के कोई तीन दिनों के बाद कांग्रेस और झामुमो नेताओं के बोल फूटे। नरेंद्र मोदी के टि्वट के तत्काल बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगा दिया कि पैसे हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेतृत्व के हो सकते हैं। बाद में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने संयमित तरीके से एक्स पर पोस्ट किया कि सांसद धीरज साहू के व्यवसाय से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं। सिर्फ वही बता सकते हैं और उन्हें यह स्पष्ट करना भी चाहिए कि कैसे आयकर अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर उनके ठिकानों से इतनी बड़ी मात्रा में नकद बरामद किया जा रहा है।
कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला, मांगा स्पष्टीकरण
इधर रविवार को रांची पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने धीरज साहू प्रकरण से पल्ला झाड़ लिया। कांग्रेस ने इस मामले से किनारा कर लिया। अविनाश पांडेय ने कहा कि इससे पार्टी का कोई लेना देना नहीं। धीरज साहू कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य हैं इसलिए पार्टी आलाकमान ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। और कहा है कि जो भी परिस्थिति बनी है उसे स्पष्ट करें। कि पैसा कहां से आया और ये पैसे किसके हैं। पार्टी किसी सांसद या विधायक के बल पर नहीं है। इन दिनाों भाजपा ऑपरेशन लोटस के जरिये कांग्रेस के खिलाफ खुलेआम साजिश रच रही है।
वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू ने बयान जारीकर कहा कि कांग्रेस और हेमंत सोरेन पर आरोप लगाने वाले बाबूलाल मरांडी खुद धीरज साहू से उपकृत हो चुके हैं। जब बाबूलाल जेवीएम के सुप्रीमो थे कांग्रेस के साथ गठबंधन कर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़े थे। उस चुनाव में बाबूलाल मरांडी ने धीरज साहू से मदद ली थी। बाबूलाल को प्रधानमंत्री से मांग करनी चाहिए कि नोटों की बरामदगी की ईडी या सीबीआई से जांच करानी चाहिए। झारखंड में कांग्रेस के सहयोग से झामुमो के हेमंत सोरेन की सरकार चल रही है। आयकर ने 6 दिसंबर को धीरज साहू के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की मगर झामुमो ने 9 दिसंबर को इसपर मुंह खोला। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य 9 दिसंबर को बोले कि बरामदगी से भाजपा के पेट में क्यों दर्द हो रहा है। अभी तक आयकर विभाने से मिली राशि के संबंध में आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। यदि इस मामले में कुछ गलत है तो जांच के बाद आयकर विभाग हिसाब देगा। जिनसे सवाल किया जायेगा वह जवाब देगा। मगर भाजपा की ओर से नरेटिव सेटकिया जा रहा है, राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। संसद का सत्र चल रहा है मगर प्रधानमंत्री अखबार में छपी खबर टि्वट कर रहे हैं और इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक डमरू बजा रहे हैं। कांग्रेस को पीएम के टि्वट पर आपत्ति है। के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि सरनेम मोदी होता तो ऐसी कार्रवाई नहीं होती और भाजपा वाले इतना उतावला नहीं दिखते।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और हेमंत सरकार में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव कहते हैं कि साहू परिवार बिहार-झारखंड का सबसे बड़ा व्यापारिक घराना है। पैसे के हिसाब वे देंगे ही। संभव है पैसा एक माह के भीतर का कलेक्शन हो। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने तो धीरज साहू को गंधी परिवार का एटीएम करार दिया है। वहीं भाजपा के प्रदेश महासचिव प्रदीप वर्मा ने कहा है कि कांग्रेस और झामुमो में सिर्फ सरकार चलाने का गठबंधन नहीं हुआ हे बल्कि एक-दूसरे के भ्रटचार पर हो रही कार्रवाई के खिलाफ भी बोलने को लेकर समझौता कर रखा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झामुमो नेताओं के भ्रष्टाचार उजागर होते हैं तो कांग्रेस उनके बचाव में आंदोलन करती है और जब कांग्रेस का मामला उजागर होता है तो झमुमो बचाव में आ जाता है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह सांसद धीरज साहू को गिरफ्तार कर संसद से उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। तो हेमंत सरकार के खिलाफ आक्रामक रहने वाले गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे कहते हैं कि धीरज साहू के ठिकानों से तीन सौ करोड़ रुपये नकद मिले हैं। अभी सात लॉकर और दस कमरे खुलने बाकी हैं। शायद नकद बरामदगी का आंकड़ा 500 करोड़ से ऊपर चला जाये।
बता दें कि लोहरदगा धीरज साहू का पैतृक आवास है और इनके पिता बलदेव साहू शराब के बड़े कारोबारी थे। कांग्रेस से इनका पुराना रिश्ता था। धीरज साहू के बड़े भाई शिव प्रसाद साहू भी रांची से कई टर्म कांग्रेस के सांसद रहे। खुद धीरज साहू तीन बार राज्यसभा के सदस्य चुने गये। पुराने धनी परिवार से आते हैं। रांची में ही रेडियम रोड में इनकी आलीशान कोठी है जिसकी कीमत दो सौ करोड़ होगी। शहर के हृदय स्थली फिरायालाल के पास बड़ा अस्पताल और होटल है। इसके अतिरिक्त रांची सहित विभिन्न शहरों में इनकी काफी संपत्ति है। मगर सवाल इतनी बड़ी राशि नकद रखने और उसके स्रोत और उसके मकसद को लेकर है जिसने चुनावी माहौल में भाजपा को हमला करने का बड़ा मौका दे दिया है।