उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद सर्वे को लेकर हुई 24 नवंबर की हिंसा ने पूरे देश की सियासत को गरमा दिया है। एक तरफ भीड़ पर हिंसा करने के आरोप हैं तो दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। अब इन तमाम पहलुओं की तह तक जाने और सही कारणों का पता लगाने के लिए न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं।
इस बीच समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल आज यानी शनिवार को संभल जाएगा। यूपी के नेता विपक्ष माता प्रसाद की अगुवाई में समाजवादी पार्टी के 5 सांसद समेत 15 नेता संभल जाएंगे, जो पीड़ितों से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट सपा मुखिया अखिलेश यादव को देंगे। हालांकि नेताओं के संभल जाने पर रोक है, ऐसे में लखनऊ में माता प्रसाद पांडेय के घर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
वहीं, संभल में नेताओं के दौरे पर मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के संभल दौरे पर कहा कि संभल में अभी कोई नहीं जा सकता है क्योंकि वहां शांति स्थापित कर ली गई है। अगर कोई आता है तो फिर दंगा भड़कने का कारण बन सकते हैं।
सपा के इस प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव, सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल, सांसद हरेंद्र मलिक, रुचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क और नीरज मौर्य को शामिल हैं। वहीं, इसके साथ ही इस प्रतिनिधिमंडल में विधायक कमाल अख्तर, रविदास मेहरोत्रा, नवाब इकबाल महमूद और पिंकी सिंह यादव समेत सपा के कुल 15 लोगों को शामिल किया गया है।
इधर संभल हिंसा की जांच के लिए बनाई गई तीन सदस्यों की टीम भी संभल जाएगी, जो हिंसा की वजह को जानेगी और दो महीने में अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। न्यायिक जांच की टीम की जिम्मेदारी तीन अहम और वरिष्ठ लोगों को सौंपी गई है। इनमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज डीके अरोड़ा, आईएएस अमित मोहन प्रसाद और रिटायर्ड आईपीएस अरविंद कुमार जैन को शामिल किया गया है।
बता दें कि संभल जामा मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने आदेश देखा है, इस केस पर टिप्पणी नहीं करेंगे। मस्जिद कमिटी को अपने कानूनी विकल्पों के इस्तेमाल का मौका मिले, यह जिला कोर्ट या हाईकोर्ट कुछ भी हो सकता है। सीजेआई ने कहा कि हम केस अपने पास लंबित रखेंगे और हम चाहते हैं कि वहां शांति रहे। अगर मस्जिद कमिटी सिविल जज के आदेश के खिलाफ अपील करती है, तो उसे 3 दिन में सुनवाई के लिए लगाया जाए। हम याचिका को लंबित रख रहे हैं और 6 जनवरी से शुरू हो रहे सप्ताह में इसे लिस्ट करेंगे।