पुड्डुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री नारायणसामी के बीच टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश में अधिकार की लड़ाई के मामले में पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी को नोटिस जारी किया है। मंगलवार को अदालत में उप-राज्यपाल किरण बेदी की उस याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि कैबिनेट बैठक में लिए गए वित्तीय परिणामों को लागू न किया जाए।
बेदी की याचिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने सरकार को सात जून को होने वाली कैबिनेट बैठक के वित्तीय परिणामों को लागू करने से मना कर दिया है। अदालत ने पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी को नोटिस जारी करते हुए उन्हें मामले में पक्षकार बनाया है। न्यायालय ने उनसे 21 जून तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। इसी तारीख को मामले की अगली सुनवाई होगी।
किरण बेदी ने खटखटाया था सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
दरअसल मद्रास हाई कोर्ट ने एलजी किरण बेदी के अधिकारों को कम करने को लेकर फैसला दिया था, जिसके खिलाफ किरण बेदी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पुडुचेरी में केंद्र और राज्य सरकार के बीच लंबे समय से चल रहे अधिकारों के टकराव पर हुई सुनवाई में मद्रास हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री नारायणसामी को बड़ी राहत दी थी। वहीं, उपराज्यपाल किरण बेदी को झटका लगा था। कोर्ट ने किरण बेदी के अधिकारों पर रोक लगाते हुए कहा था कि वो सरकार की रोजाना के कामों में दखल नहीं दे सकती हैं।
‘कोर्ट ने केंद्रीय मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों को किया था खारिज’
दरअसल, उपराज्यपाल किरण बेदी और सीएम नारायणसामी के बीच अधिकारों को लेकर पिछले काफी समय से जारी घमासान के बीच मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस मामले पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट की बेंच ने केंद्रीय मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों को खारिज कर दिया था, जिसमें उपराज्यपाल को पुडुचेरी सरकार की रोजाना की गतिविधियों में हस्तक्षेप करने और सरकार से संबंधित फाइलों को देखने का अधिकार दिया था।
‘उपराज्यपाल के पास पुडुचेरी सरकार से कोई दस्तावेज मांगने का अधिकार नहीं’
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि उपराज्यपाल किरण बेदी के पास पुडुचेरी के सीएम नारायणसामी के कामकाज में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि उपराज्यपाल के पास पुडुचेरी सरकार से कोई दस्तावेज मांगने का अधिकार नहीं है। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरई बेंच का यह फैसला मुख्यमंत्री नारायणसामी के लिए बड़ी जीत माना जा रहा था।
अधिकारों को लेकर किरण बेदी और सीएम नारायणसामी के बीच घमासान
उपराज्यपाल किरण बेदी और सीएम नारायणसामी के बीच अधिकारों को लेकर पिछले काफी समय से गहमागहमी चल रही थी। सार्वजनिक मंचों पर भी दोनों के बीच घमासान देखने को मिला था। यहां तक कि इस मामले को लेकर नारायणसामी धरने पर भी बैठ गए थे।
मद्रास हाई कोर्ट में दायर की गई थी याचिका
इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी और कहा गया था कि सरकार के प्रतिदिन के कामकाज में उपराज्यपाल का दखल संघशासित प्रदेश प्रतिनिधित्व अधिकार के खिलाफ है। लिहाजा इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। सीएम ने उप राज्यपाल पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह फाइलें पास नहीं करने का आरोप लगाया है।
अपने आवास के बाहर धरने पर भी बैठ गए थे नारायणसामी
किरण बेदी के खिलाफ नारायणसामी अपनी कैबिनेट के साथ उनके आवास के बाहर धरने पर भी बैठ गए थे, जो कई दिनों तक चला था। नारायणसामी किरण बेदी पर बिना किसी सलाह के फैसले लेने व उनकी सरकार के फैसलों को मंजूरी न देने के आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन अब मद्रास हाई कोर्ट ने किरण बेदी के अधिकारों पर रोक लगाते हुए यह कह दिया है कि उपराज्यपाल किरण बेदी सरकार के रोजाना के कामकाज में दखल नहीं दे सकती हैं।