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प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार में गुपचुप मुलाकात; आखिर क्या है माजरा, जानें क्या बोले सीएम

जनता दल यूनाइटेड के सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत...
प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार में गुपचुप मुलाकात; आखिर क्या है माजरा, जानें क्या बोले सीएम

जनता दल यूनाइटेड के सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर शुक्रवार को दिल्ली में गुपुचप डिनर पर मिले। मुलाकात पर नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत से आज का नहीं, बल्कि पुराना रिश्ता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मुलाकात का कोई खास मतलब नहीं है। इसका अधिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। प्रशांत किशोर का टीएमसी में भविष्य फिलहाल कुछ साफ नहीं है। ऐसे में इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है।

इन दिनों बिहार के सीएम अपने दिल्ली दौरे पर हैं और वो इस दौरान कई लोगों से मुलाकातें कर रहे हैं। इसी दौरान प्रशांत किशोर से भी सीएम नीतीश कुमार की मुलाकात हुई है। नीतीश कुमार ने सरप्राइज डिनर पर कहा कि किशोर से उनकी मुलाकात एक सामान्य बात है। हालांकि प्रशांत किशोर के नीतीश कुमार से बयानबाजी कर ही जदयू से अलग हुए थे। नीतीश कुमार ने जिस तरह इस मुलाकात को सार्वजनिक किया है, इससे साफ है कि वो फिलहाल भाजपा की तरफ से हर मुद्दे पर आक्रामक रवैये के कारण एक संदेश भी देना चाहते हैं। 

मुलाकात को लेकर सियासत गरमा गई है। चर्चा का कारण इसलिए भी है क्योंकि प्रशांत किशोर 2024 के आम चुनावों के लिए एक नया समीकरण गढ़ना चाहते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में भी प्रशांत किशोर ने विपक्ष को संकेत देते हुए कहा था कि 2024 के चुनाव में बीजेपी को हराया जा सकता है, लेकिन उसके लिए एक बेहतर रणनीति बनानी होगी।

बता दें कि 2018 में प्रशांत किशर ने जेडीयू से सियासी पारी का आगाज किया था। नीतीश कुमार ने पीके को बिहार का भविष्य बताया था। दोनों ओर से एक दूसरे के लिए तारीफों के कसीदे पढ़े थे। बावजूद इसके प्रशांत किशोर को जबरन पार्टी से हटाना पड़ा था। बिहार के 2015 चुनाव में पीके ने महागठबंधन (आरजेडी+जेडीयू+कांग्रेस) के प्रचार की जिम्मेदारी संभाली थी। इस चुनाव में बीजेपी को तगड़ी हार का सामना करना पड़ा था। नीतीश कुमार को सत्‍ता पर बनाए रखने में प्रशांत ने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई जिसके ऐवज में नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को पार्टी की तरफ से कैबिनेट के मंत्री का दर्जा दिलवाया था। इसके बाद प्रशांत किशोर ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के प्रचार की कमान संभाली और बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। साथ ही नीतीश कुमार पर भी सवाल खड़े करने लगे थे। प्रशांत किशोर का पार्टी इतना होल्‍ड हो गया कि प्रशांत नीतीश कुमार के खिलाफ ही बयान जारी करने लगे। उन्‍होंने यहां तक कह दिया वो नीतीश कुमार जैसे नेताओं को नेता बनाते हैं। विवाद बढ़ता गया है पीके को पार्टी से अलग का रास्‍ता दिखाना पड़ गया।

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