कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प जताते हुए अजमेर से जयपुर तक, 11 मई से ‘जनसंघर्ष पदयात्रा’ निकालने की घोषणा मंगलवार को की।
इसके साथ ही पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक बयान पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘धौलपुर में मुख्यमंत्री (गहलोत) का भाषण सुनने के बाद लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं हैं, बल्कि उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया हैं।’’
पायलट ने अपने निवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘एक बात और स्पष्ट हो गई है … सम्मानीय मुख्यमंत्री जी का भाषण परसों धौलपुर में हुआ। और उस भाषण को सुनने के बाद मुझे ऐसा लगता है कि सम्मानीय मुख्यमंत्री जी की नेता सोनिया गांधी जी नहीं हैं बल्कि उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया जी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी वहीं दूसरी तरफ कहा जाता है कि सरकार को बचाने काम वसुंधरा जी कर रही थीं। तो यह जो विरोधाभास है, इसको समझाना चाहिए। आप कहना क्या चाह रहे हैं, यह तो स्पष्ट कर देना चाहिए।’’
उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई को लेकर पायलट ने हाल ही में यहां एक दिन का अनशन किया था। पायलट का कहना है कि मौजूदा सरकार उन मामलों में कार्रवाई नहीं कर रही।
पायलट ने कहा, ‘‘अब मैं नाउम्मीद हूं क्योंकि तथ्य सामने आ रहे हैं कि कार्रवाई क्यों नहीं हुई और क्यों नहीं होगी … यह अब स्पष्ट हो रहा है।’’
पायलट ने कहा, ‘‘मैंने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लगातार उठाया है, पहले भी उठाया, आज भी उठा रहा हूं और आगे भी उठाता रहूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार व नौजवानों के हितों से जुड़े मुद्दे उठाकर मैं जनसंघर्ष पदयात्रा निकालने जा रहा हूं जो 11 मई को अजमेर से शुरू होगी। हम जयपुर की तरफ आएंगे और यह यात्रा लगभग 125 किलोमीटर लंबी होगी। जनसंघर्ष यात्रा लोगों के हितों के लिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ, नौजवानों के संरक्षण के लिए होगी। उनकी आवाज हम सुनेंगे और उनकी आवाज हम बुलंद करेंगे।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि अजमेर से यह यात्रा इसलिए निकाली जा रही है क्योंकि राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएसी) अजमेर में स्थित है जहां से कई पेपर लीक हुए और वहां भ्रष्टाचार होने की खबरें आईं।