शिवसेना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुंबई में ‘बाहरी लोगों’ के योगदान वाले बयान को लेकर जमकर कोसा है। पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में कहा गया है कि मुख्यमंत्री को अपना यह गैरजिम्मेदाराना बयान वापस लेना चाहिए। शिवसेना केंद्र और राज्य की राजग सरकार का हिस्सा है पर वह हरदम दोनों सरकारों की आलोचना करता रहा है।
संपादकीय में कहा गया है कि मुंबई पर मराठी लोगों का पहला अधिकार और दावा है। फडणवीस का बयान महाराष्ट्र का अपमान है। मालूम हो कि फडणवीस ने मुंबई के विकास में उत्तर भारतीयों और अन्य राज्यों के लोगों के योगदान की तारीफ की थी।
मुख्यमंत्री ने उपनगर घाटकोपर में कहा था कि देश की वित्तीय राजधानी ने हमेशा कई लोगों को शरण दी है और यहां रहने वाले लोगों ने शहर की प्रतिष्ठा बढ़ाई है। उन्होंने कहा था कि मेरा मानना है कि जो बातें मुंबई को महान बनाती है उनमें वे लोग भी हैं जो विभिन्न राज्यों से आते हैं और यहां बस जाते हैं। वे भी मुंबई को महान बनाते हैं। आज जब हम मुंबई और महाराष्ट्र की बात करते हैं तो तुरंत उत्तर भारतीय समुदाय की ओर देखते हैं। इस शहर ने हमेशा कई लोगों को शरण दी है और जिन लोगों को यहां आश्रय मिला है उन्होंने हमेशा शहर की प्रतिष्ठा बढ़ाई है।