शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह बीजेपी के साथ हाथ मिलाने को इसलिए राजी हुए हैं क्योंकि भगवा पार्टी का अपने गठबंधन सहयोगियों के प्रति व्यवहार में बदलाव आया है। साथ ही ठाकरे ने ये भी कहा कि वह महाराष्ट्र में अपनी पार्टी का ही मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को घोषणा की थी कि दोनों पार्टियां लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे।
‘इसलिए मैंने बीजेपी से हाथ मिलाने का फैसला लिया’
अपने आवास मातोश्री पर शिवसेना कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान ठाकरे ने कहा, 'मैंने महसूस किया कि लोगों के प्रति उनके व्यवहार में बदलाव आया है, इसलिए मैंने बीजेपी से हाथ मिलाने का फैसला लिया।' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी का यह प्रस्ताव उन्हें मंजूर नहीं है कि जिस पार्टी के ज्यादा विधायक होंगे उसका मुख्यमंत्री होगा।
मैं शिवसेना का मुख्यमंत्री देखना चाहता हूं: उद्धव ठाकरे
उद्धव ने साफ कर दिया कि विधानसभा चुनावों को लेकर उन्हें भाजपा का प्रस्ताव मंजूर नहीं है। गठबंधन के दौरान यह तय हुआ था कि जिस पार्टी के ज्यादा विधायक होंगे उसका मुख्यमंत्री होगा। उन्होंने कहा, ‘मैं शिवसेना का मुख्यमंत्री देखना चाहता हूं। और मैं इसके लिए काम करूंगा।" उन्होंने कहा कि समझौते में मैं जीत चुका हूं और अब असल लड़ाई, चुनाव जीतना है।
बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन पर क्या बोले शरद पवार
इस बीच बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यह तो होना ही था। पवार ने कहा, 'पिछले कुछ महीनों के दौरान दोनों पार्टियों के बीच तीखी जुबानी जंग देखने को मिली थी। अब वे एक साथ खड़े हैं और एकता का संदेश देना चाहते हैं। महाराष्ट्र की जनता उनकी रणनीति समझती है।'
हाल ही में बीजेपी और शिवसेना ने महाराष्ट्र में गठबंधन का किया ऐलान
बता दें कि दोनों पार्टियों में लंबे समय से टकराव चल रहा था, जिसके बाद बीजेपी और शिवसेना ने सोमवार को महाराष्ट्र में गठबंधन का ऐलान किया था। इसके तहत लोकसभा की 25 सीटों पर बीजेपी और 23 पर शिवसेना लड़ेगी, जबकि विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों बराबर-बराबर सीटों पर लड़ेंगी।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी-शिवसेना के चुनावी गठबंधन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि 2019 का लोकसभा चुनाव तथा उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों दल गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में उतरेंगे। फडणवीस ने कहा था कि राष्ट्रहित में दोनों दलों का साथ आना जरूरी है क्योंकि किसान कर्ज माफी, राम मंदिर जैसे मुद्दों पर दोनों दल एकसमान विचार रखते हैं।